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कैंसर के लाखों मरीजों के लिए खुशखबरी, 2019 में मिल सकती है कैंसर सेल्स को खत्म करने की दवा

locationवाराणसीPublished: Jan 01, 2019 12:46:18 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

यह दवा होगी पूरी तरह से सुरक्षित, नहीं है कोई साइड इफेक्ट, पूरी तरह से है प्राकृतिक। क्लिनिकल ट्रायल की तैयारी।

ब्लड कैंसर

ब्लड कैंसर

डॉ अजय कृष्ण चतुर्वेदी


वाराणसी. देश ही नहीं दुनिया भर के कैंसर पीड़ितो को 2019 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय अच्छी खबर देने की स्थिति में पहुंच गया है। बस कुछ दिनों की और बात है जब दुनिया भर के ऐसे रोगियों को नई जिंदगी मिल जाएगी। लाखों परिवार बर्बाद होने से बच जाएंगे। ऐसा रोग जिसके पीड़ितों की संख्या दुनिया में लगातार बढ़ती जा रही है। और इस रोग की अब तक कोई अचूक दवा नहीं है। लेकिन बीएचयू ने वह कर दिखाया है जो अब तक कोई नहीं कर पाया था। लेकिन बीएचयू के विज्ञान संस्थान ने वो अचूक फार्मूला खोज निकाला है जो कैंसर सेल्स को नष्ट कर देगा। अब इसका क्लिनिकल ट्रालय शुरू करने की तैयारी है। बाकी सब कुछ हो चुका है। क्लिनिकल ट्रायल के बाद केंद्र सरकार पर निर्भर करेगा कि यह दवा कितनी जल्दी बाजार में आती है।
बता दें कि भारत सहित दुनिया भर में लाखों लोग कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से पीड़ित हैं। कैंसर का नाम सुन कर ही रोगी क्या पूरा परिवार आधा दम तोड़ देता है। आदमी तिल तिल कर मरता रहता है। एक तो जल्द इसका पता नहीं चलता और जब तक जानकारी होती है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। ऐसे में दवाएं भी कारगर नहीं होती हैं। जो दवाएं हैं वह केलव दर्द नाशक हैं। ऐसे में मरीजा का मौत के मुंह में जाना तय माना जाता है। लेकिन बीएचयू के आणविक एवं मानव आनुवंशिकी विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ गीता राय के निर्देश में शोध छात्रा खुशबू प्रिया ने अथक परिश्रम के बाद एक ऐसे नैनो कण का इजाद किया है जो कैंसर सेल को नष्ट कर देगा। केले के पत्ते और सिल्वर नाइट्रेट से तैयार ऐसे नैनो पार्टिकल कैंसर सेल को नष्ट करेगा। सबसे अच्ची बात तो यह है कि यह नैनो पार्टिकिल केले के पत्ते में मौजूद सेकेंड्री मेटाबोलाइट्स व सिल्वर नाइट्रेट को मिला कर बना है जिसमें किसी तरह के केमिकल का इस्तेमाल नहीं किया गया है। इस नैनो पार्टिकल का कैंसर सेल लाइन और कैंसर ट्यूमर पर प्रयोग किया गया, जिसके चौंकाने वाले परिणाम मिले। प्रो. राय ने पत्रिका से बातचीत में यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि नैनो पार्टिकल को तैयार करने के बाद तीन स्तर पर शोध किया गया है। पहले कैंसर सेल में नैनो पार्टिकल को छोड़ा गया तो पता चला कि यह नैनो पार्टिकल 24 से 48 घटे में करीब 50 प्रतिशत कैंसर के सेल को नष्ट कर रहा है। सबसे अच्छी बात यह है कि यह नैनो पार्टिकिल सामान्य कोषिकाओं को तनिक भी क्षति नहीं पहुंचा। उन्होंने कहा कि जब लैब में कैंसर सेल को सामान्य स्थिति में भी रखा गया तो पाया गया कि सेल निरंतर ही बढ़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि केंसर पीड़ित के सेल्स पर भी इस नैनो कण का इस्तेमाल प्रयोगशाला में किया गया, उसका परिणाम भी सार्थक रहा। डा. गीता के अनुसार शोध में सफलता के बाद पेटेंट के लिए पिछले साल रिपोर्ट फाइल कर दी गई थी। इसका भी पेटेंट फाइल हो चुका है। अब इसे जर्नल में प्रकाशित करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। साथ ही लाइसेंस हासिल करने का प्रयास किया जा रहा है ताकि इसका जनहित में इस्तेमाल हो सके।
डॉ राय के मुताबिक यह नैनो पार्टिकल जल्द ही कैंसर की वैकल्पिक दवा के रूप में दुनिया के सामने होगा। यह कैंसर सेल नष्ट करने में पूरी तरह से कारगर है। प्रयोगशाला में चार-पांच स्तर पर इसका परीक्षण किया गया है। Apoptosis प्रयोग भी हुआ जिसमें 40 प्रतिशत तक केंसर सेल डेथ पाया गया। इलेक्ट्रान माइक्रो स्कोपी, स्कैनिंग इलेक्ट्रो स्कोपी, ट्रांसमिशन, एक्सरे डिफरेक्शन आदि जांच में भी इसकी पुष्टि हो चुकी है। कैंसर की कोशिकाओं एवं रक्त पर काम चल रहा है जिसमें यह भी देखा जा रहा कि किन कारणों से वह कैंसर के सेल को मार रहा है और सामान्य सेल किस तरह से इससे सुरक्षित रह पा रहे हैं।
कोटः-
01 जनवरी 2019 को पत्रिका से बातचीत में उन्होंने बताया कि अब क्लिनिकल ट्रायल की तैयारी चल रही है। कुछ औपचारिकताएं शेष हैं। इस तरह की दवाओं के लिए क्लिनिकल ट्रायल काफी महत्वपूर्ण होता है। क्लिनिकल ट्रालय पूरा होते ही, दवा कंपनियों से बातचीत कर इसे बाजार में उतारा जाएगा। बता दें कि सितंबर 2018 में जब इस शोध पर पत्रिका ने बात की थी तो वह कुछ हताश सी दिख रही थीं लेकिन आज वह काफी खुश नजर आईं और कहा कि बस क्लिनिकल ट्रालय हो जाए उसके बाद देश ही नहीं दुनिया भर के लोगों के लिए अचूक दवा उपलब्ध होगी। कहा कि यह दवा इतनी कारगर है कि इसे बाजार मिल जाए तो हम सबका उद्देश्य पूरा हो जाएगा, लाखों लोगों का जीवन बचाने में हम सफल हो पाते।
प्रो गीता रॉय
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