बता दें कि बीएचयू परिसर में छात्राओं संग छेड़खानी के बाद छात्रों का धरना और पुलिस व प्रॉक्टोरियल बोर्ड के सदस्यों द्वारा छात्राओं पर की गई लाठीचार्ज के बाद बिगड़े माहौल में तत्कालीन वीसी प्रो जीसी त्रिपाठी ने प्रो रोयाना सिंह को चीफ प्रॉक्टर बनाया था। वह लगभग दो साल तक चीफ प्रॉक्टर रहीं लेकिन पूरे कार्यकाल के दौरान विवादित ही रही। विश्वविद्यायलय परिसर लगातार अशांत रहा। छात्र-छात्राओं द्वारा लगातार उन पर उत्पीड़न का आरोप लगाया जाता रहा। इसी बीच बीएचयू परिसर स्थित बिड़ला छात्रावास के गेट पर एक छात्र को गोली मार कर उसकी हत्या करने के बाद वह फिर से विवादों में घिरीं। मृत छात्र के पिता ने प्रो रोयाना सिंह पर हत्या की साजिश रचने का आरोप भी लगाया। अन्य आरोपी छात्रों में से एक के फेसबुक पोस्ट को वायरल करने का भी आरोप लगा। इसे लेकर भी छात्रों ने जम कर हंगामा किया। हत्या की साजिश के आरोप के बीच प्रो रोयाना सिंह ने इस्तीफा दिया जिसे कुलपति ने स्वीकार कर लिया था।