बीएचयू के छात्रों की संस्था ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने मंगलवार की शाम 5 बजे बीएचयू गेट पर आरटीआई संशोधन बिल 2019 के ख़िलाफ़ जोरदार प्रदर्शन किया। इस मौके पर छात्रों ने कहा कि आरटीआई संशोधन बिल आरटीआई क़ानून की मूल भावना को बदलने की कोशिश है, ताकि आरटीआई क़ानून को समाप्त किया जा सके। यह बिल सूचना के संवैधानिक अधिकार का हनन है।
आरटीआई 2005 क़ानून स्वतंत्र भारत का सबसे मजबूत क़ानून है जिससे लोकतंत्र में जनता की सहभागिता तय होती है। व्यवस्था की पारदर्शिता सुनिश्चित हो रही थी। लेकिन बीजेपी की मोदी सरकार इसको समाप्त करने की कोशिश कर रही है। यह बिल लोकतंत्र के स्वास्थ्य के लिए बहुत ख़तरनाक और दुखद है। छात्रों ने कहा कि इस संशोधन बिल का हर स्तर पर विरोध किया जाना चाहिए। संसद से लेकर सड़क और न्यायपालिका तक इसके ख़िलाफ़ लड़ने की ज़रूरत है।
विरोध प्रदर्शन में संजीव सिंह, थ्रीति, धनंजय, दिवाकर, मुकेश, विकास, चिंतामणि सेठ, मनीष कुमार, विक्रांत, दीपक, राज अभिषेक, कुणाल, अमन , रोहित, डॉ अवधेश सिंह आदि मौजूद रहे।