इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि बांध की ऊंचाई लगातार बढ़ाई जा रही है और मध्यप्रदेश के 212 वर्ग किलोमीटर के एक लाख से अधिक लोग बिना पुनर्वास और व्यवस्था के उजाड़े जा रहे है, जो लोग इस अन्याय का विरोध कर रहे है या शांतिपूर्ण आंदोलन और उपवास करके प्रतिरोध कर रहे हैं मध्यप्रदेश सरकार उन पर लाठीचार्ज कर रही है और गिरफ्तार कर रही है। यह लोकतंत्रीय ढांचे की खुली अवमानना है। वक्ताओं ने कहा कि गत दिनों मेधा पाटकर और अन्य साथियों की गिरफ्तारी के बावजूद वहां आन्दोलन चल रहा है। मेधा जी और उनके साथी बांध को रद्द करने की मांग नहीं कर रहे, वे केवल बांध की लगातार बढ़ाई जा रही ऊंचाई को कम करने की मांग कर रहे हैं बल्कि वह तो पर्यावरण के विनाश को रोकने की और एक सम्पूर्ण जीवन शैली और सभ्यता को बचाने की मांग कर रहे हैं। वक्ताओं ने सरकार से अपील की कि परियोजना प्रारंभ करने से पूर्व सरदार सरोवर बांध का गेट बंद करने के पहले डूब रहे 40,000 परिवारों का सम्मानजनक पुनर्वास किया जाए तथा आंदोलनकारियों पर चलाए जा रहे सभी मुकदमे वापस लिए जाएं।