विभागवार रोस्टर के जरिये उच्च शिक्षा की नौकरियों से आरक्षण के ख़त्मे का विरोध,BHU गेट से PM के संसदीय कार्यालय तक विरोध मार्च।
उच्च शिक्षा की नौकरियों में आरक्षण खत्म करने के विरोध में मार्च
वाराणसी. काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्रों ने शनिवार को आरक्षण बचाओ संयुक्त मोर्चा के तहत सिंह द्वार से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रवींद्रपुरी स्थित संसदीय कार्यालय तक विरोध मार्च निकाला। उन्होंने यूनिवर्सिटी व कॉलेजों की शिक्षक भर्ती में यूनिवर्सिटी या कॉलेज को भर्ती की इकाई मानने के बजाय विभाग को भर्ती की नई इकाई बनाने और नियुक्तियों में रोस्टर प्रणाली लागू करने के यूजीसी के नए नियम को वंचित तबकों के आरक्षण को निष्प्रभावी करने का षड्यंत्र करार दिया।
बीएचयू सिंह द्वार से रवींद्रपुरी स्थित प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय कार्यालय तक निकाले गए मार्च के दौरान वे जमकर नारेबाजी तो कर ही रहे थे, उन सभी छात्र-छात्राओं के हाथों में तख्तियां भी थीं जिन पर लिखा था, ‘यूजीसी का सामाजिक न्याय विरोधी फरमान वापस लो’, ‘चोर दरवाजे से संविधान पर हमला बंद करो’ आदि। विरोध मार्च को संबोधित करते हुए बीएचयू के पूर्व छात्रनेता सुनील यादव ने कहा कि पहले की व्यवस्था में 100 पदों में से 49.5 प्रतिशत पद आरक्षित श्रेणी से भरने की बाध्यता थी। लेकिन यूजीसी के नए फरमान के जरिए सरकार ने इस संवैधानिक बाध्यता से बचने का चोर दरवाजा तलाश लिया है। यूजीसी की नई व्यवस्था के चलते 49.5 प्रतिशत की बजाय अब इक्का-दुक्का लोगों को ही आरक्षण मिल पाएगा। उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर खेल इस तरह से खेला जा रहा है कि प्रक्रिया की जटिलता को आम आदमी समझ ही न पाए और आरक्षण निष्प्रभावी हो जाए।
मार्च में बीएचयू के प्रोफेसर राहुल राज,काशी विद्यापीठ के प्रोफ़ेसर अनिल चौधरी, बीएचयू के छात्रनेता विकास यादव, रवींद्र भारतीय, मो. आसिम अंसारी, हिंदी विभाग के शोध छात्र कृष्ण कुमार कुलदीप मीणा कुमार यादव, रणधीर सिंह, बीएचयू आईटीसी संजय भार्गव, सुनीता यादव सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं शामिल हुए। बनारस के नागरिक समाज की ओर से शिक्षक नेता अरविंद सिंह पटेल और भगत सिंह अंबेडकर विचार मंच के एसपी राय ने मार्च को संबोधित किया।