बता दें कि राज्य शासन की ओर से नारी सुरक्षा के मद्देनज़र छात्राओं को सीख और नसीहत देने के लिए एक अभियान चलाया जा रहा है। इसी के तहत रविवार को मदनपुरा के जामिया रहमानिया मदरसे में पहुंची थीं सीओ दशाश्वमेध। वहां पर उन्होंने नारी सुरक्षा के मद्देनज़र छात्राओं को सीख और नसीहत दी। बताया कि कैसे अपने को सुरक्षित रखते हुए कानून की मदद से शोहदों और अराजक तत्वों को जेल भेजा जा सकता है।
मदरसे में मौजूद छात्राएं पहले तो अपने सामने पुलिस को देखकर थोड़ा घबराई।पर जब सी ओ दशास्वमेध स्नेहा तिवारी ने उन्हें ये समझाया कि पुलिस आपकी सबसे अच्छी दोस्त साबित हो सकती है। बशर्ते पहले आप अपने अंदर के आत्मविश्वास को जगाएं। उसके बाद तो छात्राओं ने अपने मन के सारे ग़ुबार निकाल दिए। सीओ के सामने उन्होंने प्रश्नों की झड़ी लगा दी। एक छात्रा ने जब सवाल किया कि मैडम आप महिला होकर कैसे पुलिस विभाग में कैसे आ गईं? इस सवाल पर सीओ स्नेहा सहित वहां मौजूद सभी अपनी हंसी नहीं रोक पाए। कुछ छात्राओं ने सवाल किया कि अगर घर वाले ही हमें शिकायत करने से रोकें तो? सीओ ने उन्हें सीधे 1090 पर फोन करने की सलाह दी। कुछ छात्राओं का सवाल था कि शिक़ायत के बाद जांच तो हो जाती है मगर दोषियों को सजा मिलने में देर क्यों होती है। इस पर सीओ ने कहा कि कानून अपना काम पूरी शिद्दत से करता है। लोकतान्त्रिक देश होने के कारण हमें सभी पक्षो को सुनना और देखना पड़ता है। इस दौरान मदरसा जामिया रहमानिया के प्रिंसिपल, इंस्पेक्टर दशास्वमेध राघवेंद्र त्रिपाठी,चौकी इंचार्ज मदनपुरा मुहम्मद अकरम आदि मौजूद रहे।