फिलहाल रेलवे की ओर से देश भर में 230 विशेष गाड़ियों का संचालन किया जा रहा है। इसके अलावा कई अन्य ट्रेनों को फिर से चलाने को लेकर रेलवे लगातार मंथन कर रहा है। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने कहा है कि ट्रेनों की बढ़ती मांग को मद्देनजर रखते हुए इन ट्रेनों के संचालन का फैसला लिया गया है। रेलवे इसपर नजर रखेगा कि इन ट्रेनों में कितने यात्री सफर करते हैं। जिस रूट की ट्रेनों में वेटिंग लिस्ट लम्बी होने लगेगी, वहां विकल्प के तौर पर एक क्लोन या डुप्लिकेट ट्रेन चलायी जाएगी। उन्होंने क्लोन ट्रेनों के संचालन की प्रक्रिया भी अगले 10 दिनों में शुरू कर दिये जाने की बात कही है।
रेलवे यात्रियों की प्रतीक्षा सूची के आधार पर नई ट्रेनों को चलाने पर फैसला लेने के साथ ही राज्यों की मांग पर भी ट्रेनें चला सकता है। चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने कहा है कि राज्यों की मांग पर और ट्रेनों का संचालन शुरू किया जा सकता है। राज्य या केन्द्रीय सेवा परीक्षाओं या फिर इस तरह के किसी दूसर उद्देश्य के लिये यदि राज्य सरकारें अनुरोध करती हैं तो अतिरिक्त ट्रेनों का संचालन किया जा सकता है।
ट्रेन में नहीं मिलेगी चादर कंबल
कोरोना महामारी के बाद धीरे-धीरे सामान्य हो रहे रेल परिचालन में यात्रा को लेकर कुछ गाइडलाइंस और पाबंदियां भी लगाई गई हैं। इसके तहत जो भी ट्रेनें संचालित की जा रही हैं उनमें यात्रियों को बेडशीट और कंबल नहीं दिया जा रहा है। अभी यह पाबंदी फिलहाल जारी रहेगी। विनोद कुमार यादव ने बताया कि अभी किसी श्रेणि के यात्रियों को चादर और कंबल नहीं उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि बंगाल सरकार की सहमति मिलने के बाद अगले सप्ताह से कोलकाता में मेट्रो का संचालन भी शुरू किया जा सकता है।