बनारस पुलिस उस समय सकते में आ गयी जब दो लोगों को गोली मारे जाने की खबर मिली। दशाश्वमेध पुलिस सबसे पहले पातालेश्वर पहुंची। यहां पर बाइक सवार बदमाशों ने एक युवक को गोली से भून दिया था जिसकी पहचान राजेश अग्रहरि के रुप में हुई। पुलिस ने अभी छानबीन ही शुरू की थी कि इसी थाना क्षेत्र के नई सड़क पर गोली से घायल एक युवक के पड़े होने की जानकारी मिली। इसके बाद शहर में गोली चलने की अटकले लगने लगी। मौके पर पहुंंचे 100 डायल ने घायल युवक को शिवप्रसाद गुप्त मंडलीय अस्पताल में लेकर पहुंचे। चिकित्सकों ने युवक को मृत घोषित कर दिया। युवक की शिनाख्त नहीं हो पा रही थी। इसी बीच पुलिस को पता चला कि मृतक पचास हजार का इनामी रईस बनारसी है। पुलिस ने अधिकृत रुप से अभी कुछ नहीं कहा है। मृतक के ननिहाल के लोगों को शिनाख्त के लिए बुलाया गया है इसके बाद ही मृतक की पहचान की अधिकृत जानकारी दी जायेगी।
यह भी पढ़े:-शिवपाल यादव व अखिलेश नहीं, यह नेता तय करेंगे 12 प्रतिशत वोटों का भाग्य
यह भी पढ़े:-शिवपाल यादव व अखिलेश नहीं, यह नेता तय करेंगे 12 प्रतिशत वोटों का भाग्य
प्रदेश के कई जिलों में था रईस बनारसी का आतंक
प्रदेश के कई जिलों में रईस बनारसी का आतंक था कानपुर के चर्चित शानू ओलंगा समेत आधा दर्जन से अधिक हत्याओं में इसका नाम आया था। बनारस के अलावा इलाहबाद, सोनभद्र, चंदौली, कानपुर आदि जिलों में रईस बनारसी का डंका बजता था। अक्टूबर 2015 में बनारस जिला जेल से रईस को बरेली शिफ्ट किया जा रहा था लेकिन रास्ते में ही ट्रेन से कूद कर भाग गया था इसके बाद पुलिस इसके पीछे लगी थी लेकिन पकड़ में नहीं आया था। सूत्रों की माने तो पिछले कुछ दिनों से वह कानपुर में ज्यादा सक्रिय था लेकिन वहां की पुलिस को जब इसकी भनक लगी तो बनारस भाग गया।
यह भी पढ़े:-राजेश अग्रहरि समेत दो की गोली मार कर हत्या, पुलिस प्रशासन में हड़कप
प्रदेश के कई जिलों में रईस बनारसी का आतंक था कानपुर के चर्चित शानू ओलंगा समेत आधा दर्जन से अधिक हत्याओं में इसका नाम आया था। बनारस के अलावा इलाहबाद, सोनभद्र, चंदौली, कानपुर आदि जिलों में रईस बनारसी का डंका बजता था। अक्टूबर 2015 में बनारस जिला जेल से रईस को बरेली शिफ्ट किया जा रहा था लेकिन रास्ते में ही ट्रेन से कूद कर भाग गया था इसके बाद पुलिस इसके पीछे लगी थी लेकिन पकड़ में नहीं आया था। सूत्रों की माने तो पिछले कुछ दिनों से वह कानपुर में ज्यादा सक्रिय था लेकिन वहां की पुलिस को जब इसकी भनक लगी तो बनारस भाग गया।
यह भी पढ़े:-राजेश अग्रहरि समेत दो की गोली मार कर हत्या, पुलिस प्रशासन में हड़कप
पुलिस की माने तो क्रास फायरिंग में मारा गया इनामी बदमाश रईस बनारसी
एसपी सिटी के अनुसार पातालेश्वर में राजेश अग्रहरि व रईस बनारसी के बीच क्रास फायरिंग हुई थी। राजेश वही पर गिर गया था इसके बाद रईस बनारसी अपने सहयोगी के साथ बाइक पर सवार हो गया था। बाइक चलाने वाला हेलमेट लगाये हुआ था। नई सड़क पर पहुंचने पर बाइक सवार ने रईस बनारसी को उतारा और फिर वह चला गया। रईस बनारसी थोड़ी दूर गया और गिर पड़ा। स्थानीय लोग उसे पहले ही पहचान चुके थे इसलिए डर कर उसके पास नहीं गये। मौके पर पहुंची पुलिस ही उसे शिवप्रसाद गुप्त मंडलीय अस्पताल ले गयी थी जहां पर उसे मृत घोषित कर दिया गया।
यह भी पढ़े:-क्रूजर के धक्के से घायल वृद्ध का इलाज करने वाले पुलिसकर्मियों को एसएसपी ने दिया इनाम
एसपी सिटी के अनुसार पातालेश्वर में राजेश अग्रहरि व रईस बनारसी के बीच क्रास फायरिंग हुई थी। राजेश वही पर गिर गया था इसके बाद रईस बनारसी अपने सहयोगी के साथ बाइक पर सवार हो गया था। बाइक चलाने वाला हेलमेट लगाये हुआ था। नई सड़क पर पहुंचने पर बाइक सवार ने रईस बनारसी को उतारा और फिर वह चला गया। रईस बनारसी थोड़ी दूर गया और गिर पड़ा। स्थानीय लोग उसे पहले ही पहचान चुके थे इसलिए डर कर उसके पास नहीं गये। मौके पर पहुंची पुलिस ही उसे शिवप्रसाद गुप्त मंडलीय अस्पताल ले गयी थी जहां पर उसे मृत घोषित कर दिया गया।
यह भी पढ़े:-क्रूजर के धक्के से घायल वृद्ध का इलाज करने वाले पुलिसकर्मियों को एसएसपी ने दिया इनाम
कभी मुन्ना बजरंगी के लिए करता था काम
रईस बनारसी मूल रुप से कानपुर का निवासी है इसका ननिहाल बनारस के खालिसपुरा में है। जरायम के दुनिया में एक दशक से अधिक समय तक सक्रिय था। जरायम दुनिया में आने के बाद रईस बनारसी कभी मुन्ना बजरंगी के लिए काम करता था बाद में अपना गैंग बना लिया था। बनारस की जेल में बंद गुड्डू मामा से इसका खास रिश्ता था। रईस बनारसी का मारे जाने से पुलिस के साथ व्यपारियों ने भी राहत की सास ली है।
यह भी पढ़े:-फौजी भाइयों को जेल से रिहा करने के लिए सड़क पर उतरे ग्रामीण, दिया धरना
रईस बनारसी मूल रुप से कानपुर का निवासी है इसका ननिहाल बनारस के खालिसपुरा में है। जरायम के दुनिया में एक दशक से अधिक समय तक सक्रिय था। जरायम दुनिया में आने के बाद रईस बनारसी कभी मुन्ना बजरंगी के लिए काम करता था बाद में अपना गैंग बना लिया था। बनारस की जेल में बंद गुड्डू मामा से इसका खास रिश्ता था। रईस बनारसी का मारे जाने से पुलिस के साथ व्यपारियों ने भी राहत की सास ली है।
यह भी पढ़े:-फौजी भाइयों को जेल से रिहा करने के लिए सड़क पर उतरे ग्रामीण, दिया धरना