पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मायावती के आवास पर जाकर उनसे मुलाकात की थी। वार्ता के दौरान राज्यसभा चुनाव का मुद्दा सबसे अधिक समय तक चर्चा में रहा। बसपा सुप्रीमो मायावती व राजा भैया के बीच राजनीतिक लड़ाई किसी से छिपी नहीं है। लोकसभा चुनाव 2019 में सपा व बसपा में गठबंधन होना लगभग तय है। ऐसे में मुलायम सिंह यादव के तरह अखिलेश यादव की पार्टी सपा से राजा भैया के संबंध अच्छे नहीं रह पायेंगे। यूपी में सीएम योगी के कमान संभालने के बाद क्षत्रियों की राजनीति फिर तेज हो गयी है। सीएम योगी व राजा भैया के बीच राजनीतिक मंच पर कई बार मुलाकात हो चुकी है। राजा भैया के बीजेपी में जाने की अटकले लगती रहती है। क्षत्रियों के बड़े नेता राजा भैया अपने सहयोगियों के बल पर बीजेपी के आठ से अधिक प्रत्याशियों को राज्यसभा पहुंचा देते हैं तो सारा समीकरण बदल जायेगा। सपा में पूर्व में मंत्री रहे राजा भैया के सम्पर्क में पार्टी के आधा दर्जन से अधिक नेता है, जिन पर राजा भैया का इतना अधिक प्रभाव है कि उनकी बात को टाल नहीं सकते हैं। यह बात सपा व बसपा के नेता जानते हैं इसलिए राज्यसभा चुनाव में क्रास वोटिंग से बचने के लिए समीकरण बनाने में जुट गये हैं।
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