script

अपने गढ़ में घिरे क्षत्रिय बाहुबली राजा भैया, इस चुनाव को लेकर नहीं कर पा रहे कोई ऐलान

locationवाराणसीPublished: Sep 06, 2019 03:49:48 pm

Submitted by:

Devesh Singh

लोकसभा चुनाव 2019 से पहली बनायी थी नयी पार्टी, चुनाव में सफलता नहीं मिलने पर बैकफुट पर है कुंडा विधायक

Raja Bhaiya

Raja Bhaiya

वाराणसी. क्षत्रिय बाहुबली राजा भैया पहली बार अपने गढ़ में घिरते जा रहे हैं। लोकसभा चुनाव 2019 के पहले राजा भैा ने अपनी पहली राजनीतिक पार्टी जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) बना कर नयी पारी का आगाज किया था चुनाव में उनकी पार्टी को सफलता नहीं मिली थी जिसके बाद से कुंडा विधायक बैकफुट पर आ गये थे। इसके बाद से इस चुनाव को लेकर कोई ऐलान नहीं कर पा रहे हैं।
यह भी पढ़े:-चन्द्रयान-2 के विक्रम लैंडर की सफल लैंडिंग के लिए छात्राओं ने की खास पूजा
क्षत्रिय बाहुबली राजा भैया कुंडा से विधायक है। प्रतापगढ़ को राजा भैया का गढ़ माना जाता है। यूपी चुनाव 2017 में यहां की सदर सीट से अनुप्रिया पटेल की अपना दल के संगम लाल गुप्ता चुनाव जीते थे इसके बाद अमित शाह ने विधायक संगम लाल गुप्ता को लोकसभा चुनाव 2019 का टिकट दे दिया। पीएम नरेन्द्र मोदी की लहर में संगम लाल गुप्ता चुनाव जीत कर संसद पहुंच चुके हैं इसके बाद प्रतापगढ़ सदर की सीट पर उपचुनाव होना है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने पहली बार उपचुनाव में प्रत्याशी उतारने का ऐलान किया था और इस सीट से रंजीत सिंह पटेल को उपचुनाव का टिकट दिया गया है। राहुल गांधी व प्रियंका गांधी की कांग्रेस ने यहां से नीरज त्रिपाठी को प्रत्याशी बनाया है। बीजेपी ने अभी इस सीट से किसी को टिकट नहीं दिया है।
यह भी पढ़े:-बनारस के अभिषेक ने कौन बनेगा करोड़पति में जीते 25 लाख, इस प्रश्र ने तोड़ दिया सपना
जानिए क्यों अपने गढ़ में घिरे राजा भैया, नहीं किया कोई ऐलान
राजा भैया की पार्टी ने इस सीट पर चुनाव लडऩे को लेकर अभी तक कोई ऐलान नहीं किया है। राजा भैया इस सीट से प्रत्याशी उतारते हैं या फिर चुनाव से दूरी बना लेते हैं इस पर सबकी निगाहें लगी हुई है। राजा भैया व सीएम योगी आदित्यनाथ की निकटता किसी से छिपी नहीं है। राजा भैया बीजेपी प्रत्याशी को समर्थन दे सकते हैं इस पर भी चर्चा हो रही है। फिलहाल सीएम योगी आदित्यनाथ से लेकर अखिलेश यादव तक के लिए उपचुनाव का रिजल्ट बहुत मायने रखता है। यदि राजा भैया इस सीट पर चुनाव लड़ते हैं और परिणाम उनके पक्ष में नहीं जाता है तो यह उनके राजनीतिक भविष्य के लिए अच्छा नहीं होगा। राजा भैया का प्रत्याशी इस सीट से चुनाव जीत जाता है तो यूपी चुनाव 2022 में उनकी पार्टी की ताकत बढ़ सकती है। फिलहाल राजा भैया उपचुनाव को लेकर अपने पत्ते कब खोलते हैं यह देखने वाली बात होगी।
यह भी पढ़े:-जानिए कहां गायब हो रहे दो हजार के नोट

ट्रेंडिंग वीडियो