बतादें कि मंगलवार की दोपहर मुहर्रम के दिन ताजिया का जुलूस निकाला जाना था। लेकिन उसके पहले ही कुंडा बंद बुलाया गया। ये बुलावा राजा उदय प्रताप की तरफ से ही बुलाया गया था। जिसका असर भी दिखा। बंद के लिये रातों रात पूरे कुंडा में पोस्टर चिपकाए गए। रात में पुलिस ने राजा भइया के पिता उदय प्रताप सिंह को मनाने की कोशिश की, लेकिन वह अपनी जिद पर अड़े रहे और प्रशासन के उस आदेश को मानने से इनकार कर दिया, जिसमें कहा गया था कि रास्ते से केसरिया झंडे हटा दिये जाएं। सोमवार की रात में ही राजा को प्रशासन ने हाउस अरेस्ट कर लिया था। मंगलवार की रात 10 बजे तक वो अरेस्ट रहे। पुलिस ने माहौल को देखते हुए पूरे इलाके में धारा 144 लागू कर दिया है। उदय प्रताप के कई समर्थकों को रेड कार्ड जारी किया जा चुका है।
मुहर्रम शांतिपूर्वक बीत जाए इसके लिये पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये थे बाहर से भी फोर्स मंगायी गयी थी। में दो अपर पुलिस अधीक्षक, दो सीओ और सैकड़ों पुलिस के जवान शामिल रहे। कोतवाली के शेखपुरा आशिक गांव में निगरानी के लिये इलाके के सात लेखपालों की ड्यूटी भी तीन शिफ्ट में लगायी गयी थी।
कुंडा एसडीएम ने कहा है कि हाईकोर्ट के आदेश के कम्प्लायंस में उनके प्रत्यावेदन को निस्तारित कर उन्हें सूचित कर दिया गया है। उन्हें किसी चीज की अनुमति नहीं दी गयी है। अभी तक कोई इशू नहीं है। बात चीत कर दोनों लोगों को समझाया जा रहा था, लेकिन राजा उदय प्रताप ने हस्ताक्षर कर दें, लेकिन उन्होंने सहमति पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किये। उन्होंने कहा कि कुंडा में मंगलवार को साप्ताहिक बंदी रहती है, बाजार वैसे भी बंद रहते हैं। उन्होंने इस तरह के किसी पोस्टर का संज्ञान होने से इनकार कर दिया।
डीएम मार्कण्डेय शाही ने कहा कि पहले भी उन्हें भंडारे की अनुमति नहीं दी गयी थी, इसबार भी अनुमति नहीं दी गई। हालांकि भारी सुरक्षा के बीच ताजिया का जुलूस निकाला गया इसमें 600 से अधिक लोग शामिल हुए।