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श्रीकाशी विश्वनाथ को भक्तों ने बांधी राखी, पुष्पों से सजी बाबा की झांकी, झूला श्रृंगार के लिए भी सजा गर्भगृह

locationवाराणसीPublished: Aug 22, 2021 12:13:52 pm

Submitted by:

Karishma Lalwani

Rakshabandhi Rakhi celebration in Kashi Vishwanath Varanasi- अटूट प्रेम और विश्वास का पर्व कहा जाने वाला रक्षाबंधन (Rakshabandhan) त्योहार वाराणसी के काशी विश्वनाथ (Kashi Vishwanath) में बड़ी धूमधाम से मनाया गया। इसकी शुरुआत बाबा दरबार से हुई। श्रावणी पूर्णिमा पर भोर में बाबा को पंचामृत स्नान कराया गया। पांच सुगंधित पुष्पों से बाबा की विशेष झांकी सजाई गई। बाबा की मंगला आरती की गई।

Rakshabandhi Rakhi celebration in Kashi Vishwanath Varanasi

Rakshabandhi Rakhi celebration in Kashi Vishwanath Varanasi

वाराणसी. Rakshabandhi Rakhi celebration in Kashi Vishwanath Varanasi. अटूट प्रेम और विश्वास का पर्व कहा जाने वाला रक्षाबंधन (Rakshabandhan) त्योहार वाराणसी के काशी विश्वनाथ (Kashi Vishwanath) में बड़ी धूमधाम से मनाया गया। इसकी शुरुआत बाबा दरबार से हुई। श्रावणी पूर्णिमा पर भोर में बाबा को पंचामृत स्नान कराया गया। पांच सुगंधित पुष्पों से बाबा की विशेष झांकी सजाई गई। बाबा की मंगला आरती की गई। मंगला आरती के बाद बाबा का झांकी दर्शन द्वार आम भक्तों के दर्शन के खोल दिया गया। सुबह छह बजे काशीपुराधिपति बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ को मंदिर के अर्चकों ने राखी बांधी। बाबा विश्वनाथ द्वार में हुई मंगला आरती के दौरान करीब 200 लोग जुटे रहे। रक्षाबंधन का त्योहार रविवार को पड़ने के कारण मंदिर में भीड़ भी ज्यादा रही।
गर्भगृह में होगा झूला श्रृंगार

शाम को श्रीकाशी विश्वनाथ में झूलनोत्सव श्रृंगार रहेगा। इस विशेष श्रृंगार में शिव पार्वती और गणेश जी की चल प्रतिमाओं का झूला श्रृंगार गर्भगृह में होगा। शाम चार बजे परंपरानुसार टेढीनिम स्थित महंत आवास से पंचबदन प्रतिमा एवं झूला रविवार को (श्रावण पूर्णिमा) के दिन विश्वनाथ गली, साक्षी विनायक ढुंडीराज होते हुए मंदिर के गर्भ गृह में ले जाकर झुलनोत्सव श्रृंगार किया जायगा। सप्तर्षि आरती के बाद बाबा सपरिवार झुला पर विराजमान होंगे। भक्त बाबा को झूला झुलाएंगे। मंदिर के गर्भ गृह में महंत परिवार की ओर से बाबा के हरियाली श्रृंगार की भी परंपरा है। रात में बाबा विश्वनाथ की पंचबदन प्रतिमा जिसमें गोद में माता पार्वती और पुत्र गणेश के साथ झुला पर ही विशेष आरती की जाएगी।
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