दरअसल मामला यह है कि वाराणसी के पौराणिक धनेसरा तालाब पर शनिवार को रामलीला में प्रभु राम के नौका पार कर वन गमन की लीला होनी थी। लीली के पात्र राम और लक्ष्मण जब धनेसरा तालाब के पास पहुंचे तो गंदगी और बदबू के चलते दोनों पात्रों को उल्टियां होने लगी। जिसके बाद आयोजकों ने रामलीला रोक, राम और लक्ष्मण के साथ विरोध प्रदर्शन करने लगे और धरने पर बैठ गए। इसके बाद दर्शक और अन्य लोगों का भी विरोध प्रदर्शन को समर्थन मिलने लगा। वहीं दूसरीओर मामले की जानकारी जब प्रशासनिक अधिकारियों को हुई तो मौके पर पहुंचे अपर नगर आयुक्त अजय कुमार सिंह और एसडीएम विनय कुमार सिंह ने रविवार को तालाब में सफाई कराने का आश्वासन दिया।
नाराजगी व्यक्त करते हुए लाटभैरव रामलीला समिति के अध्यक्ष डॉ. रामअवतार पाण्डेय व विश्व हिन्दू परिषद के महानगर संयोजक निखिल त्रिपाठी ने कहा कि धनेसरा तालाब पर 1545 से रामलीला होता आ रही है। नगर निगम इस परंपरा को समाप्त करने पर अमादा है। कई बार कहने के बाद भी यहां से न तो अतिक्रमण हट रहा और न ही सफाई की जा रही है।