अष्टमी का शुभ मुहूर्त
इस बार अष्टमी 13 अप्रैल को है। सुबह आठ बजकर 16 मिनट तक अष्टमी रहेगी। इसके बाद नवमी तिथि शुरू हो जाएगी। रामनवमी के दिन महाव्रत कर नवरात्रि के पारण किया जाता है रामनवमी के दिन सुबह 8 बजकर 19 मिनट के बाद किसी भी समय कन्या पूजन कर सकते हैं।
रामनवमी पर कन्या पूजन का महत्व
नवरात्रि में रामनवमी का विशेष महत्व होता है। नौ दिन का नवरात्रि व्रत रहने वाले लोग अष्टमी और नवमी पर कन्या पूजन कर व्रत का पारण करें। इस दिन कन्या पूजन भी किया जाता है। माता की पूजा करने के बाद नौ कन्याओं की पूजा की जाती है।
नवरात्रि में रामनवमी का विशेष महत्व होता है। नौ दिन का नवरात्रि व्रत रहने वाले लोग अष्टमी और नवमी पर कन्या पूजन कर व्रत का पारण करें। इस दिन कन्या पूजन भी किया जाता है। माता की पूजा करने के बाद नौ कन्याओं की पूजा की जाती है।
यह है कन्या पूजन की विधि-
नौ कन्याओं को आदर के साथ अपने घर पर बुलाएं।
सभी कन्याओं को घर बुलाकर सबसे पहले शुद्ध जल से उनका पैर धुलें और एक स्थान पर आसन लगाकर बैठा दें।
फिर कन्याओं का तिलक कर उन्हें कलावा बांधें।
उसके बाद माता रानी को भोग लगाएं और फिर कन्याओं को भोजन कराएं।
माता रानी को पूड़ी हलवा बहुत पसंद है इसलिए कन्याओं को भोजन में पूड़ी हलवा जरूर दें। क्योंकि इस दिन कन्या मां का रूप होती हैं।
भोजन के बाद सभी कन्याओं को अपनी श्रद्धानुसार कोई उपहार देकर विदा करें।
इसके बाद खुद व्रत का पारण करें।