काशी में रंगभरी एकादशी से होली की शुरुआत हो गई। बुधवार को काशी में शिवभक्तों पर होली का खुमार छाया रहा। फिजा में खूब अबीर गुलाल उड़े।
रंगभरी एकादशी पर काशी में खेली जाने वाली होली की सबसे खास बात ये है कि इसमें भक्त बाबा के साथ होली खेलते हैं।
रंगभरी एकादशी पर ही बाबा विश्वनाथ माता गौरा का गवना कराकर ले जाते हैं।
बुधवार को गवना की रस्म होने के बाद बाबा विश्वनाथ और मां गौरा चांदी की पालकी में सवार होकर भक्तों के कंधों पर निकले। हाथों में गुलाल लिये शिवभक्तों ने जमकर बाबा के साथ होली खेली और गलियों में अबीर उड़तार रहा।
ये सिलसिला टेढ़ी नीम स्थित पूर्व महंत के आवास से लेकर काशी विश्वनाथ मंदिर तक चला। इस बार बाबा संग होली खेलने के लिये 151 किलो गुलाब से तैयार गुलाल मंगाया गया।