डीजल रेल इंजन कारखाना में विजयादशमी समारोह धूमधाम से मनाया जा रहा है। सायं 04:00 बजे से डीरेका स्टेडियम (केन्द्रीय खेलकूद मैदान) में विजयादशमी समारोह का आयोजन किया गया। इसके अंतर्गत रामचरित मानस पर आधारित अति रोचक रूपक के उपरान्त रावण, कुम्भकरण एवं मेघनाद के विशालकाय पुतलों का दहन और आकर्षक आतिशबाजी का कार्यक्रम होगा।
बता दें कि दशहरे के दिन केंद्रीय खेल मैदान पर रावण मेघनाद और कुम्भ कर्ण के पुतलो को जलाने के लिए नया प्रयोग किया गया था। सोने की लंका का भी निर्माण कुछ अलग अंदाज में बना था। सोने की लंका भी 40 फीट लंबी बनाई गई थी।
इन सभी पुतलो के निर्माण कार्य में लगे शमशाद की माने तो लगभग डेढ़ महीनों से उनका परिवार और दर्जनों मुस्लिम कारीगर मिल कर निर्माण करते है ।इसके पूर्व इनके नाना स्व बाबू खा बनाते रहे है।
रूपक राम वनगमन से लेकर रावण बध तक कि लीलाओ को रूपक के माध्यम से मुक्त अभिनय पर प्रस्तुत किया गया।
एसडी सिंह ने बताया कि इस बार मानस की चौपाइयों को हिंदी विधाओ की कजरी चैता, छप्पय,कहरवा की धुनों पर आधुनिक वाद्य यंत्रों का प्रयोग किया गया था।
इन सभी पुतलो के निर्माण कार्य में लगे शमशाद की माने तो लगभग डेढ़ महीनों से उनका परिवार और दर्जनों मुस्लिम कारीगर मिल कर निर्माण करते है ।इसके पूर्व इनके नाना स्व बाबू खा बनाते रहे है।
रूपक राम वनगमन से लेकर रावण बध तक कि लीलाओ को रूपक के माध्यम से मुक्त अभिनय पर प्रस्तुत किया गया।
एसडी सिंह ने बताया कि इस बार मानस की चौपाइयों को हिंदी विधाओ की कजरी चैता, छप्पय,कहरवा की धुनों पर आधुनिक वाद्य यंत्रों का प्रयोग किया गया था।
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