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वाराणसी की प्रसिद्ध गंगा आरती को लेकर विवाद, अब नगर निगम में कराना होगा पंजीकरण

वाराणसी की प्रसिद्ध गंगा आरती (Ganga Aarti) को लेकर स्थानीय पुरोहितों में रार मची हुई है। वाराणसी के अस्सी घाट पर सुबह-ए-बनारस की ओर से मंगलवार से शुरू हुए नित्य संध्या आरती को लेकर स्थानीय पुरोहितों और दूसरे गंगा आरती से जुड़े आयोजक इसका विरोध कर रहे हैं

वाराणसीFeb 19, 2021 / 12:55 pm

Karishma Lalwani

वाराणसी की प्रसिद्ध गंगा आरती को लेकर विवाद, अब नगर निगम में कराना होगा पंजीकरण

वाराणसी की प्रसिद्ध गंगा आरती को लेकर विवाद, अब नगर निगम में कराना होगा पंजीकरण

वाराणसी. वाराणसी की प्रसिद्ध गंगा आरती (Ganga Aarti) को लेकर स्थानीय पुरोहितों में रार मची हुई है। वाराणसी के अस्सी घाट पर सुबह-ए-बनारस की ओर से मंगलवार से शुरू हुए नित्य संध्या आरती को लेकर स्थानीय पुरोहितों और दूसरे गंगा आरती से जुड़े आयोजक इसका विरोध कर रहे हैं। गंगा आरती को लेकर खड़े हुए विवाद के बीच जिला प्रशासन ने नया फरमान सुनाया है। प्रशासन ने कहा है कि अब किसी भी घाट पर गंगा आरती से पहले उसका रजिस्ट्रेशन नगर निगम में करवाना अनिवार्य होगा। घाटों पर गंगा आरती करने के लिए बाकायदा अनुमति लेनी होगी। दरअसल, पिछले तीन दिनों से अस्सी घाट पर सुबह-ए-बनारस संस्था द्वारा संध्या आरती का घाट पर पंडा समाज द्वारा विरोध किया जा रहा है। मामले ने तूल इसलिए पकड़ा क्योंकि सुबह-ए-बनारस संस्था द्वारा सुबह की आरती की जा रही थी। इसी के साथ संध्या आरती भी शुरू कर दी गई। जबकि पहले से अस्सी घाट पर संध्या आरती की जाती रही है। ऐसे में सुबह-ए-बनारस द्वारा संध्या आरती शुरू करने पर गंगा सेवा समिति के लोगों ने विरोध शुरू कर दिया।
शाम को नई आरती होने की जानकारी मिलते ही गंगा सेवा निधि के लोग लामबंद होकर विरोध करने लगे। सूचना पर पहुंची पुलिस ने मामले को शांत कराया। कैंट विधायक सौरभ श्रीवास्तव ने दोनों पक्षों को बुधवार को जिलाधिकारी के यहां अपना पक्ष रखने की बात कहकर गंगा आरती का उद्घाटन कर दिया। इसके चलते पहली बार अस्सी घाट पर तीन-तीन गंगा आरती संपन्न हुई। गंगा सेवा समिति के अध्यक्ष बलराम मिश्र ने कहा कि जब पहले से ही पुराने और नए अस्सी घाट पर दो आरती हो रही है तो ऐसे में तीसरी आरती करने की क्या जरूरत है। हम लोग लंबे समय से यहां आरती करते आ रहे हैं। सुबह-ए-बनारस की ओर से गंगा जी की आरती सुबह में की जाती है।
दूसरे घाट पर कराएं आरती

बलराम मिश्र ने कहा कि वाराणसी में 84 घाट हैं। इनमें से कई घाट पर आरती नहीं होती है। ऐसे में अगर उन्हें आरती करनी है तो वे किसी अन्य घाट पर आरती करें। अस्सी घाट पर वर्षों से आरती होती आ रही है। उधर, विरोध के लगातार बढ़ने के चलते जिलाधिकारी कौशल किशोर शर्मा ने गंगा आरती के लिए नए नियम लागू करते हुए नगर निगम को निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि सभी घाटों का स्वामित्व नगर निगम के पास है। अभी जितनी भी आरती घाट पर हो रही है, अब सबका नगर निगम में रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ेगा। घाट पर स्थान भी नगर निगम ही आवंटित करेगा। इसके साथ ही आरती के रजिस्ट्रेशन का हर साल नवीनीकरण होगा।
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