scriptकाशी में मां गंगा आरती पर प्रशासनिक हस्तक्षेप रोकने की धार्मिक संगठनों ने की मांग, PM- CM को भेजा पत्र | Religious organizations demand to stop administrative intervention on Maa Ganga Aarti in Kashi letter sent to PM-CM | Patrika News

काशी में मां गंगा आरती पर प्रशासनिक हस्तक्षेप रोकने की धार्मिक संगठनों ने की मांग, PM- CM को भेजा पत्र

locationवाराणसीPublished: Aug 29, 2022 07:42:49 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

काशी से जुड़ी धार्मिक संस्थाओं और संगठनों से जुड़ी 40 संस्थाओं ने दशाश्वमेध घाट पर होने वाली विश्व प्रसिद्ध मां गंगा की आरती को लेकर प्रशासनिक हस्तक्षेप पर रोक लगाने की मुख्यमंत्री एवं प्रधानमंत्री से मांग की है। कहा है कि वाराणसी में मां गंगा आरती पौराणिक काल से चली आ रही है। इससे करोड़ो लोग जुड़े है। भारतीय जनमानस की आस्था मां गंगा और उनकी नियमित होने वाली संध्या आरती से जुड़ी है।

मां गंगा आरती (फाइल फोटो)

मां गंगा आरती (फाइल फोटो)

वाराणसी. काशी से जुड़ी धार्मिक संस्थाओं और संगठनों ने दशाश्वमेध घाट पर होने वाली विश्व प्रसिद्ध माँ गंगा की आरती को लेकर प्रशासनिक हस्तक्षेप पर रोक लगाने की मुख्यमंत्री एवं प्रधानमंत्री से मांग की है। कहा है कि वाराणसी में माँ गंगा आरती पौराणिक काल से चली आ रही है । इससे करोड़ो लोग जुड़े है। भारतीय जनमानस की आस्था मां गंगा और उनकी नियमित होने वाली संध्या आरती से जुड़ी है। यहां की मां गंगा आरती की भव्यता को देखते हुए भारत सरकार ने पर्यटन मानचित्र पर इसे अतुल्य भारत (इंक्रेडिबल इंडिया) के रूप मे जोड़ा है। लेकिन हाल के दिनों में परंपरागत आरती पर रोक लगाने के लिए स्थानीय प्रशासन के स्तर से लगातार हस्तक्षेप किया जा रहा है जो कही न कही सनातनियों की आस्था पर कुठाराघात है। विभिन्न संगठनों से जुड़े लोगों ने मांग की है काशी की परंपरागत धार्मिक क्रियाकलापों पर किसी प्रकार के हस्तक्षेप को रोका जाए और ऐसे स्थलों पर हो रही दर्शनार्थियों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा व्यवस्था की जाए।
भीड़ नियंत्रण को संस्थाएं प्रशासन का हर स्तर पर सहयोग करने को तैयार

सोमवार को लहुराबीर स्थित प्लानर इंडिया में गंगा सेवा निधि के संस्थापक अध्यक्ष स्व मुन्न महाराज सभागार में आयोजित बैठक में गंगा में आई बाढ़ के मद्देनजर परंपरागत गंगा आरती को स्थानीय पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा का हवाला देते हुए रोक लगाने और सांकेतिक गंगा आरती करने के आदेश को विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने अव्यवहारिक करार दिया। कहा की लाखो लोग कुंभ मेले में आते है। सावन माह में बाबा विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करते है। देवदीपावली पर लाखो की भीड़ घाट पर इकट्ठा होती है। जिसकी सुरक्षा पुलिस प्रशासन हमेशा संस्थाओं का सहयोग लेकर करती रही है। बनारस में गंगा आरती और अन्य धार्मिक परंपरा को अक्षुण्ण बनाए रखना जितना काशी की जनता और संस्थाओं का दायित्व है उतना ही जिला प्रशासन का। हमेशा से संस्थाओं ने जिला प्रशासन और पुलिस का सहयोग किया है। कहा की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए संस्थाएं प्रशासन का हर स्तर पर सहयोग करने को तैयार है। मगर किसी भी धार्मिक परंपरा पर कोई रोक ना लगाया जाए।
गगा आरती को लेकर प्रशासनिक हस्तक्षेप के विरोध में धार्मिक संगठनों -समितयों के पदाधिकारी
धार्मिक परंपरा को अक्षुण बनाए रखना काशी की जनता और संस्थाओं के साथ जिला प्रशासन का दायित्व

बनारस में गंगा आरती और अन्य धार्मिक परंपरा को अक्षुण बनाए रखना जितना काशी की जनता और संस्थाओं का दायित्व है उतना ही जिला प्रशासन का। हमेशा से संस्थाओं ने जिला प्रशासन और पुलिस का सहयोग किया है। कहा की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए संस्थाएं प्रशासन का हर स्तर पर सहयोग करने को तैयार है। मगर किसी भी धार्मिक परंपरा पर कोई रोक ना लगाया जाए। संस्थाओं ने इस संबंध में मुख्यमंत्री से मुलाकात करने का भी निर्णय लिया है।
गंगा आरती से जुड़ी समितयों की बैठक में उठे ये मुद्दे

सोमवार को संस्थापक अध्यक्ष स्व मुन्नन महाराज सभागार में काशी के घाटों पर होने वाली दैनिक मां गंगा की आरती समितियों की आकस्मिक बैठक हुई जिसमें साहायक पुलिस आयुक्त दशाश्वमेध द्वारा भेजे गए पत्र का संज्ञान लेते हुए काशी मे होने वाली मां गंगा की आरती से जुड़ी सभी समितियों ने बैठक की। इसमें मुख्य रूप से निन्नलिखित बिन्दूओं पर विचार किया गया।
प्रमुख मुद्दे

1.प्रशासन द्वारा घाट के स्वामित्व पर प्रश्नचिन्ह उठाया गया है जिसके विषय में श्री कन्हैया लाल त्रिपाठी ने तर्क दिया की घाट पर स्वामित्व ढाई सौ सालों से घाट के पुरोहितों का रहा है और सदैव घाट पुरोहितों का ही रहेगा इसमें प्रश्न लगाने का कोई तर्क ही नहीं होता।
2.केन्द्रीय देव दीपावली समिति के अध्यक्ष आचार्य वागीस दत्त ने सभा को संबोधन देते हुए कहा गया कि काशी में भगवती माँ गंगा की आरती करने वाली प्रत्येक संस्था को एक जुट एवं साथ मिल कर एक निति तैयार करनी होगी जिससे की प्रशासन की तानाशाही का उत्तर एक जुट हो के दिया जा सके।
3.संकट मोचन फाउण्डेशन के अध्यक्ष प्रो. विशंभर नाथ मिश्रा ने कहा कि मां गंगा न केवल काशीवासीयों अपितु पूरे देश की आस्था का स्वरूप हैं। काशी में होने वाली मां गंगा की आरती, काशी के पण्डा, पुरोहीत, नाविको और बडी संख्या में स्थानीय लोगो की जिविका का श्रोत है, जहां तक घाट के स्वामित्व का प्रश्न है तो वह सैकड़ों वर्षों से घाट के पुारहितों के अधिकार में है और सर्वदा उनके अधिकार में ही रहेगा इसका साक्ष्य देने की कोई आवश्कता ही नहीं है।
4.गंगोत्री सेवा समिति, शीतल घाट के संस्थापक अध्यक्ष श्री किशोरी रमन दूबे बाबू महाराज ने बैठक में उपस्थित सभी समितियों के सदस्यों से अनुरोध किया कि इस समस्या का निवारण एकजुटता में है न की अकेले चलने में।
5.बाढ़ के दौरान 32 वर्षों से मां गंगा की पारम्परिक रूप से आरती निरन्तर बिना किसी व्यवधान के होती चली आ रही है। मां गंगा की आरती में हस्तक्षेप करना हम सभी सनातनियों की भावना को आहत करने जैसा है परम्परागत सप्तत्रृषि आरती आस्था एवं धर्म का विषय है और यह मनोरंजन का कोई कार्यक्रम नहीं है। श्रद्धालुओं का आगमन आस्था एवं धर्म का विषय है और इनकी संख्या भी स्थान के अनुरुप ही होती है।

बैठक में ये रहे मौजूद

बैठक में प्रमुख रूप से गंगा सेवा निधि के सुशांत मिश्र, गंगा सेवा निधि के संरक्षक श्री श्याम लाल सिंह, संकट मोचन फाउण्डेशन के अध्यक्ष प्रो. श्री विशंभर नाथ मिश्रा, गंगोत्री सेवा समिति, शीतल घाट के संस्थापक अध्यक्ष श्री किशोरी रमन दूबे बाबू महाराज, केंद्रीय देव दीपावाली समिति के अध्यक्ष बागिश दत्त मिश्र, श्री केशव जालान ,व्यपार मण्डल के अध्यक्ष श्री प्रेम मिश्र, वरिष्ठ पत्रकार श्री अरूण मिश्र ,जय माँ गंगा सेवा समिति,अस्सी घाट, श्री कन्हैया लाल त्रिपाठी, अहिल्याबाई घाट,माँ गंगा योग आरती मण्डल समिति,गायत्री परिवार, माँ गंगा सेवा नवयुवक समिति मणिकर्णिका घाट,सत्य प्रचार मण्डल दत्तात्रेय ,श्री हनुमान जी न्यास,गंगा अर्चन सेवा समिति,काशी गंगा सेवा समिति, गंगा सेवा दल,नमोस्तुते गंगा सेवा समिति,,माँ गंगा दैनिक आरती सेंध घाट समिति रामनगर तथा अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहें।
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