बता दें कि विशाल भारत संस्थान द्वारा संचालित अनाज बैंक 24 घंटे की रसोई चलाकर भूख पीड़ितों की मदद कर रहा है। इधर रमजान के पवित्र महीने में मुस्लिम समाज के लोग रोजा रखते हैं, इस दौरान कहीं से पका भोजन नहीं लेते और प्रयास करते हैं कि घर में ही इफ्तार के लिये कुछ बनाएं। इस धार्मिक भावना का ख्याल रखते हुये अनाज बैंक ने ‘इन्द्रेश पोटली’ रोजेदारों के लिये तैयार की। ‘इन्द्रेश पोटली’ में चावल, दाल, आटा, चना, खजूर, मटर, बेसन, रिफाइंड और पापड़ जैसी खाद्य सामग्री रखी गई हैं। जिसे हर रोज पांच सौ रोजेदारों के बीच दिए जाने का काम शुरू कर दिया गया है।
संघ के बड़े नेता के नाम पर रखा नाम बता दें कि अनाज बैंक के संस्थापक व संरक्षक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य इन्द्रेश कुमार हैं। जिनके नाम पर रोजेदारों के लिए ‘इंद्रेश पोटली’ का खाका तैयार कर देने का काम हो रहा है। ‘इन्द्रेश पोटली’ का उद्घाटन करते हुए इंडियन बैंक के उप महाप्रबंधक शशांक जैन एवं मुख्य प्रबंधक ज्ञान प्रकाश ने कहा कि रोजेदारों के लिये सिर्फ खाद्य सामग्री ही नहीं, बल्कि उनकी धार्मिक भावनाओं और प्रेम की गठरी है। महामारी के संकट की घड़ी में एक दूसरे का ख्याल रखना और धार्मिक भावनाओं का सम्मान करना ही मानवता की सच्ची सेवा है।
क्या बोले संघ के नेता संघ के नेता इन्द्रेश कुमार ने कहा कि रमजान के पाक महीने में रोजेदारों की सेवा से शबाब मिलता है। रोजेदारों के लिये यह सोच मानवीय संवेदना, धार्मिक सहिष्णुता और आपसी सौहार्द का उदाहरण है।
हर रोज 900 लोगों को अनाज अनाज बैंक द्वारा प्रतिदिन 900 लोगों के लिये खाद्य पैकेट छित्तूपुर, हुकुलगंज, कमच्छा, कबीरचौरा, रविन्द्रपुरी, लखरांव, शिवपुरवा, जैसे इलाकों में वितरित किया जाता है। संस्था द्वारा गर्भवती महिलाओं के लिये पालक का सूप, बच्चों के लिये बिस्किट और दाल का पानी पहुंचाकर अनाज बैंक की टीम सेवा का काम कर रही है।