वाराणसी

RSS सर्वे ने उड़ायी बीजेपी सांसदों की नीद, इतने सांसदों के कट सकते हैं टिकट

यूपी में सांसदों के कामकाज के आधार पर किया गया सर्वे, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ रख रहा बीजेपी नेताओं की कार्यशैली पर नजर

वाराणसीNov 14, 2018 / 11:59 am

Devesh Singh

Political Leader

वाराणसी. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सर्वे ने बीजेपी सांसदों की नीद उड़ायी हुई है। प्रथम चरण का सर्वे हो गया है, जिससे पता चल रहा है कि किन सांसदों ने अच्छा काम नहीं किया है। सर्वे को लेकर संघ ने चुप्पी साधी है और पांच राज्यों के चुनाव परिणाम का इंतजार किया जा रह है उसके बाद रिपोर्ट पर अंतिम निर्णय किया जा सकता है।
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संघ के सूत्रों की माने तो यूपी की 40 प्रतिशत से अधिक सांसद के कामकाज से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ संतुष्ट नहीं है। जनता से फीड बैक के आधार पर ही सर्वे की रिपोर्ट तैयार की गयी है। बीजेपी ने पहले ही संतोषजनक काम नहीं करने वाले सांसदों का टिकट काटने का संकेत किया है ऐसे में संघ की रिपोर्ट काम नहीं करने वाले सांसदों पर भारी पड़ सकती है। सूत्रों की माने तो संघ अभी और चरण में सर्वे कराने वाला है उसके बाद ही अंतिम निर्णय होगा।
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पांच राज्यों के चुनाव परिणाम तय करेंगे बीजेपी की रणनीति
पांच राज्यों के चुनाव परिणाम के आधार पर संघ व बीजेपी आगे की रणनीति तय करेगी। संघ व बीजेपी की निगाहे एससी/एसटी एक्ट को लेकर लोगों में व्याप्त नाराजगी पर है यदि पांच राज्यों में इस एक्ट की नाराजगी को लेकर बीजेपी को नुकसान उठाना पड़ता है तो सांसदों के टिकट देने में भी इसका असर होगा। ऐसे में संघ व बीजेपी किसी हाल में नहीं चाहेंगे कि सवर्ण व पिछड़ों का टिकट काट कर उन्हें और नाराज किया जाये। पांच राज्यों का चुनाव परिणाम बीजेपी के आशा अनुसार आता है तो यूपी में काम नहीं करने वाले सांसदों का टिकट बिना किसी झिझक के काटा जायेगा।
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बीजेपी के लिए संजीवनी बनती है संघ की ग्राउंड रिपोर्ट
संघ की ग्राउंड रिपोर्ट बीजेपी के लिए संजीवनी बनती है। लोकसभा चुनाव 2014 व यूपी चुनाव 2017 में संघ की ग्राउंड रिपोर्ट ने बीजेपी की पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनायी है। संघ की रिपोर्ट से बीजेपी को पता चल जाता है कि किन मुद्दों को लेकर चुनाव लडऩा है और किस सीट का समीकरण कैसा है। वर्तमान सांसद व विधायक से जनता कितनी खुश है इसकी जानकारी भी संघ के रिपोर्ट से ही मिलती है। बीजेपी के लिए टिकट वितरण में भी संघ की रिपोर्ट महत्वपूर्ण स्थान रखती है इसलिए संघ के सर्वे ने बीजेपी सांसदों की नीद उड़ा दी है। रिपोर्ट बेहद गोपनीय है इसलिए सांसद यह पता करने में जुटे हैं कि किसका नाम इस सूची में है और किसका नहीं।
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