वाराणसी

10 अक्टूबर तक चार्ज नहीं सौंपा तो 11 इंजीनियर होंगे बर्खास्त: राजेंद्र प्रताप सिंह

पीएम की सांसद निधि के कार्यों में घपले का मामला, चार ठेकेदार डिबार, एक को नोटिस

वाराणसीSep 29, 2017 / 07:22 am

sarveshwari Mishra

राजेंद्र प्रताप सिंह

वाराणसी. पीएम नरेंद्र मोदी की सांसद निधि के कार्यों में घपला करने वाले ग्रामीण अभियंत्रण सेवा के 11 इंजीनियरों ने अगर 10 अक्टूबर तक अपना चार्ज नहीं छोड़ा तो उन्हें बर्खास्त कर दिया जाएगा। वहीं उनके ऊपर मुकदमा भी दर्ज कराया जाएगा। उक्त बातों की चेतावनी देते हुए गुरुवार को आए ग्रामीण अभियंत्रण मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह ने वाराणसी के सर्किट हाउस में मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा।
 

बताया कि पीएम की सांसद निधि के कार्यों में मानक की अनदेखी करने वाले चार ठेकेदारों को डिबार कर दिया गया है। एक को नोटिस भी जारी कर दिया गया है। कहा कि अब भ्रष्टाचार नहीं चलेगा। जो ईमानदारी का परिचय देते हुए काम करेगा वही रहेगा।
 

 

मंत्री ने कही कि काम में गड़बड़ी पाए जाने के आरोप में वाराणसी में तैनात इन 11 इंजीनियरों को पूर्व में ही निलम्बित किया गया था लेकिन ये हाईकोर्ट से स्टे ले लिए थे। इन इंजीनियरों को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि इस बार 10 अक्टूबर तक यह अपना चार्ज नहीं छोड़े तो इन्हें बर्खास्त कर दिया जाएगा।
 

मंत्री ने कहा कि सपा और बसपा के शासनकाल में ग्रामीण अभियंत्रण विभाग बड़े घपलों का अड्डा बन गया था। भाजपा सरकार ने इस पर लगाम कसी है। कहा कि हम अभी विभाग की शुद्धीकरण कर रहे हैं। अब तक प्रदेश में 43 इंजीनियरों के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है। वहीं कुछ इंजीनियरों को सेवानिवृत्ति भी दी जा रही है।
 

मंत्री ने बताया कि बनारस, मिर्जापुर, सोनभद्र और चंदौली में मिली शिकायतों की जांच के लिए कमेटी गठित की गई है। सड़कों की बदहाली सम्बंधी सवाल पर ग्रामीण अभीयंत्रण मंत्री ने कहा कि विभाग को सड़कों की पैचिंग करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 228 सड़कों का पैच वर्क होना है और वहीं 1271 किलोमीटर नई सड़कों के निर्माण का काम जल्द शुरू कराए जाने की जानकारी भी दी।
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