मां गंगा निषादराज सेवा समिति की कार्यकारी अध्यक्ष पूर्णिमा की सीएम योगी आदित्यनाथ से गुहार-पति, दो देवर और एक नाव चलाने वाले को फर्जी मुकदमें में फंसाने का लगाया आरोप-कहा, 11 महीने से बंद है नौका संचालन-परिवार भुखमरी के कगार पर-बताया पति के साथ दो देवर व एक नाव चलाने वाला भी है जेल में- आरोप, हाईकोर्ट व जिला कोर्ट के आदेश के बाद भी सुनवाई नहीं
मां गंगा निषादराज समिति के अध्यक्ष विनोद की जली नाव
वाराणसी. मां गंगा निषादराज सेवा समिति के अध्यक्ष विनोद कुमार निषाद पिछले 11 महीने से जेल में बंद हैं। नाव संचालन पूरी तरह से ठप है। ऐसे में अब पूरे परिवार के समक्ष भुखमरी की नौबत आ गई है। 11 महीने से न्याय की आस लगाए विनोद की पत्नी, समिति की कार्यकारी अध्यक्ष पूर्णिमा निषाद ने अब न्याय न मिलने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नामांकन वाले दिन गंगा में जल समाधि लगाने का ऐलान किया है।
मुख्यमंत्री व अन्य को भेजे पत्र में उन्होंने कहा है कि 11 महीने से हमारी नाव को गंगा में चलने से रोका गया है। हर्ट पेशेंट मेरे ससुर ने कई बार आईजी, डीआईजी, एसएसपी, महिला आयोग , मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री तक को पत्र भेज कर न्याय की गुहार लगाई। लेकिन न्याय तो नहीं मिला उल्टे अब मेरी हत्या की साजिश हिस्ट्रीशीटरों के मार्फत रची जा रही है। ऐसे में मैने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नामांकन वाले दिन गंगा में कूद कर जलसमाधि लेने का फैसला किया है।
उन्होंने सीएम को संबोधित दो पेज के पत्र के माध्यम से यह जानने की कोशिश की है कि प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में हमारे पति सहित उनके दो भाइयों व एक दलित को 11 मई 2018 को फर्जी मुकदमे में फंसा कर जेल में बंद कर दिया गया। अब 11 महीने बीत गए। पूर्णिमा ने आरोप लगाया है कि इस साजिशन कई बुद्धिजीवी व क्षेत्र के माफिया सहित सत्ताधारियों की मिलीभगत से स्थानीय प्रशासन भारी भरकम रकम लेकर मेरे परिवार को जेल में डाल दिया है।
पूर्णिमा की बातें 1- मेरे पति व उनके दो भाई व एक दलित नाव चालक को जेल में बंद कर दिया है 2- नौका संचालन 11 मई 2018 से बंद होने से रोजी रोजगार का संकट आ गया है। इससे मेरा परिवार भुखमरी के कगार पर पहुंच गया है।
3- 15 हजार के ईनामी हत्यारोपी ने हमारी नौका हटाकर अपनी नौका बांध दिया, उसे प्रशासन ने खुली छूट दे रखी है। हम सबकी हत्या कराने के लिए 11 मई से नौका को डुबो कर हमारी नौका नहीं चलने दे रहे हैं।
4- भाजपा सरकार में आईजी, डीआईजी, एसएसपी, महिला आयोग, मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री को पत्र दिया पर कोई सुनने को तैयार नहीं है। 5- हमारी 7 लाख की नौका को मां गंगा के उस पार जला दिया। जलाने वाले अभी भी घूम रहे हैं। उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।
6-हाईकोर्ट व जिला कोर्ट के आदेश के बावजूद हमारी नौका संचालन पर रोक लगाई गई है। 7- नौका संचालन बंद होने से मेरा परिवार भुखमरी के कगार पर है। बच्चों के स्कूल फीस, दूध, कापी-किताब के लाले पड़ गए हैं।
पूर्णिमा की दया याचना अतः प्रार्थना व निवेदन करती हूं कि अगर नौका संचालन नहीं कराया गया तो हम अपने बच्चों व परिवार सहित मोदी जी के संसदीय क्षेत्र में जिस दिन नरेंद्र मोदी का नामांकन होगा उस दिन हम अपने परिवार के साथ गंगा जी में कूद कर आत्महत्या कर लेंगे।