scriptधर्म संसद की तीन दिवसीय बैठक में आराध्य भगवान राम मंदिर निर्माण का प्रस्ताव पारित | Saints passed proposal of Lord Rama temple in Ayodhya in Dharma Sansad | Patrika News

धर्म संसद की तीन दिवसीय बैठक में आराध्य भगवान राम मंदिर निर्माण का प्रस्ताव पारित

locationवाराणसीPublished: Nov 27, 2018 09:49:34 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

स्वामी च्रकपाणि ने कहा कि ताकत सरकार के पास नही बल्कि हिन्दुत्व में है जिसने दो सीट वाली पार्टी को सत्ता के शीर्ष तक पहुंचा दिया। जो राम को भूलता है वह खुद ही चुनाव हार जाता है। बोले संत परमहंस, इस धर्म संसद में आने से सरकार ने रोका। आश्रम में तोड़फोड़ की गई।

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वाराणसी. परमधर्मसंसद का तीसरा और अंतिम दिन अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर निर्माण पर चर्चा को समर्पित रहा। संसद में भाग लेने देश-विदेश से पहुंचे संत-महात्माओं ने सर्वसम्मति से भगवान राम के बाल व आराध्य स्वरूप के मंदिर के निर्माण संबंधी प्रस्ताव को ध्वनि मत से पारित किया।
राम मंदिर पर विचार रखने को हर कोई आतुर रहा

अयोध्या में राम मंदिर के लिए कटिबद्ध सनातनी धर्म सांसदों ने सीर के विशाल मैदान में चल रहे परमधर्मसंसद् में मंगलवार को आवाज उठायी। संसद परिसर हर हर महादेव के उद्घोष और जय श्री राम के नारों से गूंजित रहा। परमधर्मसंसद के प्रांगण में हर कोई राम मन्दिर पर अपना अभिमत रखने को आतुर दिखा। दिन भर की चर्चा के बाद अवर सदन ने अपना प्रस्ताव प्रवर सदन को सौंप दिया, जिसमें राम मन्दिर के निर्माण से लगायत मन्दिर रक्षा, धर्मांतरण, वैदिक शिक्षा, गंगा रक्षा और धर्म रक्षा जैसे विषय शामिल रहे। प्रवर सदन ने भी विमर्श के उपरान्त अपना सामूहिक अभिमत परम धर्माधीश जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज को सौंप दिया। अब बुधवार को वह केदारघाट स्थित श्रीविद्यामठ में धर्मादेश जारी करेंगे।
बच्चो में धर्म की भावना विकसित करनी होगी

प्रवर धर्माधीश स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द ने संसद की कार्यवाही प्रारम्भ करते हुए कहा कि यदि हमें आने वाली पीढ़ी को दुनिया के समकक्ष तैयार करना है तो छोटी उम्र से ही बच्चो में धर्म की भावना विकसित करनी होगी। उन्होने कहा कि नवीनता प्राचीनता को बचाने के लिए लाई जाती है, लेकिन यदि नवीनता की कीमत पर हमारी प्राचीनता को नष्ट किया जायेगा तो यह उचित नही है।
जो राम को भूलता है वह खुद ही चुनाव हार जाता है

स्वामी च्रकपाणि ने कहा कि ताकत सरकार के पास नही बल्कि हिन्दुत्व में है जिसने दो सीट वाली पार्टी को सत्ता के शीर्ष तक पहुंचा दिया। जो राम को भूलता है वह खुद ही चुनाव हार जाता है, जो जगद्गुरु को भुलाता है उसे जगत ही भूला देता है, इसका प्रत्यक्ष उदाहरण गोरखपुर में देखने को मिला। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म में चित्र नही बल्कि चरित्र की पूजा की जाती है इसलिए हम भगवान श्रीराम को पूजते है। उन्होंने कसा कि आज सनातन धर्म को बहुत नुकसान पहुंचाया जा रहा है। भगवान आज भी फटे हुए टेन्ट में है, जो भी साधु सन्त अधर्म के खिलाफ आवाज उठाता है उसे फर्जी मुकदमों में फॅसा दिया जाता है। यह धर्म संसद 1008 किसी एक सीमा में बंधी हुई नही है बल्कि सम्पूर्ण ब्रम्हाण्ड का प्रतिनिधित्व कर रही है। इसका लक्ष्य बेहद पवित्र है, यह हमारा सौभाग्य है जो हम इसमें प्रतिभाग कर रहे है।
काशी के परमधर्मसंसद में आने से रोका गया
अयोध्या में राम मंदिर के लिए अनशनरत रहे तपस्वी छावनी के बड़े सरकार स्वामी परमहंस जी महाराज ने कहा कि मुझे इस धर्म संसद में आने से सरकार ने रोका। आश्रम में तोड़फोड़ की गई। इस धर्मसंसद में आने के लिए मुझे बहुत संघर्ष करना पड़ा। मुझे नजरबन्द भी कर दिया गया था । मैं किसी तरह यहां पहुंचा हूं। हमारी लड़ाई मुसलमानो से नही अपनो से ही है। उन्होंने कहा कि मनोहर पर्रिकर ने कहा था कि हम कभी भी बीफ की कमी नही होने देंगे। यह अत्यन्त निन्दनीय कथन है।
गौवंश की रक्षा आवश्यक
छत्तीसगढ़ के श्री महन्त बालक दास ने कहा कि हमने अपने यहां गौवंश के संरक्षण के लिए गौ अभ्यारण्य बनाया। एक गौवंश प्रतिदिन पचास रूपये का गोबर देता है जिससे ही उनकी सेवा हो सकती है। अयोध्या में जनाक्रोश को उभारने का ही प्रयास किया गया।
मन्दिर मनुष्य का विकास करते है, यह विकास में बाधक नहीं
गूगल ब्याय के नाम से विख्यात कौटिल्य ने कहा कि सरकार सबको यह बता रही है कि काशी के मन्दिर विकास में बाधक है, इसलिए उन्हे तोड़ा जा रहा है।
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