2- किसान समस्या (खाद-बीज का अभाव) तत्काल दूर की जाए, ताकि कर्ज के बोझ से दबे किसानों की आत्महत्या बंद हो
3-प्रदेश की कानून व्यवस्था ध्वस्त -अपराधओं में भारी वृद्धि हो चुकी है, चारों तरफ जंगलराज है, फर्जी एनकाउंटर हो रहे हैं। सपा कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न, विशेष वर्गों में हत्या की घटनाएं बढी हैं। अपराधियों के लिए पूरा प्रदेश चारागाह बन चुका है। सड़कों पर और घरों में घुस कर दिनदहाड़े हत्याएं हो रही हैं और पुलिस मूकदर्शक बन तमाशा देख रही है। हाल ये है कि लोकसभा चुनाव के बाद से अब तक केवल वाराणसी में हत्या की 38 घटनाएं हो चुकी हैं। ऐसे में सरकार कानून का राज स्थापित करे
4- चरम पर भ्रष्टाचार- भ्रष्ट तंत्र की सरकार तथा ऊपर से नीचे तक बिना रिश्वत कोई कार्य नहीं। ऐसे में वाराणसी में पीडब्ल्यूडी कार्यालय में तंत्र से पीड़ित ठेकेदार अवधेश श्रीवास्तव ने खुद को गोली मार कर आत्महत्या कर सबको सहमा दिया। सरकार कानून का राज स्थापित करे
5- स्वास्थ्य सेवाएं ठप- सरकार तत्काल बहाल करे
6- जौहर विश्वविद्यालय में राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा अत्याचार तत्काल बंद हो और सांसद मोहम्मद आजम खां पर लगे मुकदमे समाप्त किए जाएं। विधायक अब्दुल्लाह आजम खां का उत्पीड़न और अवैध कार्रवाई पर रोक लगे
7-महिलाओं के साथ छेडखानी, बलात्कार, बच्चियों के साथ दुष्कर्म और हत्या, अपहरण की घटनाओँ में बाढ आ गई है। पूर्व गृह राज्यमंत्री चिन्मयानंद को बेटी के साथ खिलवाड़ करने के जुर्म में कड़ा दंड दिलाने की बजाय सरकार पीड़िता को ही पर्जी मुकदमें में फंसा देने पर तुली है। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा खोखला साबित हो चुका है। तत्काल उचित कार्रवाई हो
8-अल्पसंख्यकों पर फर्जी मुकदमे लगाए जा रहे हैं, उनका फर्जी एनकाउंटर हो रहा है। अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न तत्काल रोका जाए
9- अवस्थापना सुविधाएं तत्काल बहाल हों मसलन बिजली, पानी, सड़क, सीवर, कूड़े की सफाई आदि
10- भाजपा राज में प्रदेश का विकास ठप है, समाजवादी सरकरा के कार्यों पर ही भाजपा सरकार अपना नाम दे रही है। भाजपा के सभी दावे झूठे साबित हो चुके हैं। काम हमारा-नाम तुम्हारा नहीं चलेगा
11- प्रदेश सरकार ने अनुसूचित जाति-जनजाति के छात्रों के निःशुल्क प्रवेश प्रक्रिया व शुल्क प्रतिपूर्ति की व्यवस्था को समाप्त कर दिया है जिसे तत्काल बहाल किया जाए
सपा के निवर्तमान जिलाध्यक्ष डॉ पीयूष यादव और निवर्तमान महानगर अध्यक्ष राजकुमार जायसवाल सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने इन मागों वाला ज्ञापन जिला प्रशासन के माध्यम से राज्यपाल को भेजा।