वाराणसी

सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में शासन का निर्देश दरकिनार, वीसी ने कुलसचिव को हटाया

डा.सुधाकर मिश्र को नये रजिस्टार का चार्ज, जानिए क्या है कहानी

वाराणसीOct 05, 2017 / 08:02 pm

Devesh Singh

सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय

वाराणसी. सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलसचिव को नियुक्ति में साथ नहीं देना भारी पड़ गया है। गुुरुवार को शासन के निर्देश को दरकिनार करते हुए वीसी प्रो.यदुनाथ प्रसाद दुबे ने कुलसचिव ्प्रभाष द्विवेदी को हटा दिया गया है, जबकि शासन ने साफ कहा है कि कुलसचिव को नियुक्त करने व हटाने का अधिकार शासन के पास है और शिक्षक को प्रशासनिक पद का चार्ज नहीं दिया जाये। वीसी ने प्रो.सुधाकर मिश्र को रजिस्टार का चार्ज दिया गया है। प्रभाष द्विवेदी का कहना है कि उनकी नियुक्ति शासन से होती है और शासन ही उन्हें हटा सकता है। वीसी को कुलसचिव के हटाने का अधिकार नहीं है। दूसरी तरफ विश्वविद्यालय के वीसी से कुलसचिव को हटाये जाने का कारण नहीं मिल पाया है।
यह भी पढ़े:-पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी की ऐसे बदल रही तस्वीर, एक रात में ही बदल रहा नजारा



 

विश्वविद्यालय में नियुक्ति का दौर चल रहा है। कुलसचिव प्रभाष द्विवेदी को नियम-कानून का जानकार मान जाता है और वह नियमों का उल्लंघन करके कोई काम नहीं करते हैं। पूर्व दिनों में महाविद्यालयों में हो रही नियुक्ति को लेकर प्रभाष द्विवेदी का विवाद हो गया था और प्रभाष द्विवेदी के साथ कुलपति व अन्य शिक्षकों के सामने ही हाथापाई की गयी थी। इस घटना की सीसीटीवी फुटेज भी मिली थी उसके बाद प्रभाष द्विवेदी को पुलिस की सुरक्षा भी मिली थी। इसके बाद से ही प्रभाष द्विवेदी उन शिक्षक व अधिकारी के निशाने पर आ गये थे जो अपने परिवार के सदस्य या फिर परिचितों की विश्वविद्यालय में नियुक्ति कराना चाहते थे।
यह भी पढ़े:-अखिलेश यादव को इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में नहीं दिख रही सीएम योगी की हनक
कुलसचिव ने किया था बिनया परिनियम में संशोधन किये नियुक्ति का विरोध
यूजीसी ने नियुक्ति के लिए नये नियम बना दिये हैं। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में भी नियुक्ति के लिए इंटरव्यू हुए हैं। काशी विद्यापीठ प्रशासन ने परिनियम में संशोधन करने के बाद नियुक्ति आरंभ की है, जबकि सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के परिनियम में ऐसा संशोधन नहीं हुआ है, फिर भी वीसी नियुक्ति करना चाहते है और कुलसचिव ने नियुक्ति में सहयोग करने से इंकार कर दिया था, जिसके बाद से उन्हें हटाने की चर्चा शुरू हो गयी थी।
यह भी पढ़े:-बाल शोषण के खिलाफ नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी के फाउंडेशन ने निकाली भारत यात्रा
बीएचयू की राह पर चल रहा सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय
बीएचयू में नियुक्ति को लेकर जो चिंगारी सुलगी थी उसे छात्राओं पर लाठीचार्ज से ऐसी हवा मिली कि बीएचयू के वीसी को अवकाश पर जाना पड़ा। सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय की नियुक्ति भी अब सवालों के घेरे में आ गयी है।
यह भी पढ़े:-BHU BUZZ के एडमिन ने कहा कि हमने नहीं डाली फर्जी फोटो
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.