स्थापना के 103 साल बाद महामना के सपने को लगे पंख एक 2016 का वसंत पंचमी था जब महामना मदन मोहन मालवीय ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय की नींव रखी थी। तभी महामना का सपना था कि इस परिसर में विविध ज्ञान-विज्ञान की शिक्षा के साथ-साथ मेडिकल की न केवल शिक्षा दी जाए बल्कि देशवासियों को बेहतर इलाज की सुविधा भी मुहैया हो। उसके तहत ही यहां सरसुंदर लाल चिकित्सालय की स्थापना हुई। विश्वविद्यालय के सौ साल पूरा होते-होते ट्रामा सेंटर भी तैयार हो गया जो देश का सबसे बडा ट्रामा सेंटर है। अब 103 वर्ष बाद यहां एक कैंसर अस्पातल और देश का सबसे बडा शताब्दी सुपर स्पेशियालिटी कॉंप्लेक्स भी हो गया। इसके साथ ही यह परिसर अब चिकित्सा संकुल में तब्दील हो चुका है। यहां केवल बनारस ही नहीं अपितु समूचे पूर्वोत्तर भारत के लोगों के लिए लोगों के लिए बड़ी सहूलियत हो गई है। हजारों लोगों को बेहतर इलाज मिल सकेगा।
एमएस प्रो मिश्र के मुताबिक इस शताब्दी सुपर स्पेशियलिटी कॉंप्लेक्स में रेफर किए गए मरीजों का उपचार होगा। सामान्य मरीजों को पहले की तरह सरसुंदर लाल चिकित्सालय की ओपीडी में ही इलाज चलता रहेगा। वहां से किसी क्रिटिकल केस को जब संबंधित डॉक्टर रेफर करेंगे तो इस कॉंप्लेक्स में विशेषज्ञों द्वारा उनका उपचार किया जाएगा।
इन विभागों से संबंधित मरीजों का होगा इलाज
-न्यूरोलॉजी
-न्यूरो सर्जरी
-कॉर्डियोलॉजी
-कार्डियोथोरेसिक
-इंडोक्राइनोलॉजी
-नेफ्रोलॉजी
-यूरोलॉजी
-गैस्ट्रोइंट्रोल़ॉजी यहीं लिया जाएगा जांच का नमूना और यहीं मिलेगी रिपोर्ट एमएस के अनुसार शताब्दी सुपर स्पेशियालिटी कॉंप्लेक्स के भूतल पर ओपीडी की सुविधा मिलेगी। इसी भवन में खून व अन्य जांच के नमूने भी एकत्र किए जाएंगे और यहीं उसकी रिपोर्ट भी उपलब्ध कराई जाएगी। एक्स-रे तथा अल्ट्रा साउंड की सुविधा भी मिलेगी। एचडीएफसी बैंक के सहयोग से 04 नए काउंटर खोले जाएंगे जहां मरीजों का पंजीकरण होगा। इन्हीं काउंटर्स पर जांच की पर्ची भी काटी जाएगी। मरीजों को देखने का समय सुबह 09 से शाम 05 बजे तक होगा। दोपहहर 02 बजे तक पंजीकरण होगा।
430 बेड का होगा सुपर स्पेशियालिटी कॉंप्लेक्स
उन्होंने बताया कि इस 430 बेट के कॉप्लेक्स में हर फ्लोर पर डिपार्टमेंटल आईसीयू होगा। इनके अलावा 45 बेड का एक अलग आईसीयू होगा। यहीं 13 माड्यूलर ओटी होगी। हर विभाग के लिए अलग ऑपरेशन थिएटर होगा ताकि किसी रोगी को ऑपरेशन के वक्त किसी तरह का इंफेक्शन न हो। एनेस्थीसिया का एक स्वतंत्र नियंत्रण कक्ष भी होगा।
महामना कैंसर अस्पताल में रेडिएशन थिरेपी शुरू उधर बीएचयू के सुंदर बगिया में निर्मित महामना कैंसर संस्थान में रिडिएशन थिरैपी शनिवार से ही शुरू हो चुकी है। थिरैपी के लिए रेलवे कैंसर हॉस्पिटल से यहां भेजा जा रहा है। फिलहाल रेडिएशन के बाद मरीजों को छुट्टी दे दी जा रही है। अस्पताल के काउंटर पंजीकरण व पर्ची कटने का काम भी शुरू हो चुका है। बता दें कि इस कैंसर अस्पातल में कुल 350 बेड की व्यवस्था की गई है।