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वाराणसी

जानिए कब है सर्वपितृ अमावस्या, ऐसे करें पितरों का तर्पण, मिलेगा आशीष

इस दिन कुछ कार्यों को करने से श्राद्ध करने का पुण्य नहीं मिल पाता है

वाराणसीOct 06, 2018 / 11:01 am

sarveshwari Mishra

Sarva pitra amavasya

Sarva pitra amavasya

वाराणसी. पितृपक्ष यानि पितृ दोष से मुक्ति पाने का सबसे सही समय। इस दौरान किए गए श्राद्ध कर्म और दान-तर्पण से पितृों को तृप्ति मिलती है। वे खुश होकर अपने वंशजों को सुखी और संपन्न जीवन का आशीर्वाद देते हैं। पितृपक्ष में श्राद्ध कर्म करने की परंपरा हमारी सांस्कृतिक विरासत है। पितृपक्ष का समापन आश्विन माह की कृष्ण अमावस्या को सर्वपितृ श्राद्ध अमावस्या के साथ होता है। इस साल यह अमावस्या 9 अक्टूबर 2018 को पड़ेगी। वैसे तो पितरों का श्राद्ध उनके तिथि पर ही करना चाहिए लेकिन अगर अगर कोई परिवार अपने पितर का श्राद्ध तिथि विशेष को ना कर पाया हो या श्राद्ध की तिथि मालूम ना हो, तो सर्वपितृ अमावस्या को श्राद्ध कर सकता है। पितृ पक्ष के आखिरी दिन का काफी महत्व होता है, क्योंकि इस दिन कुछ कार्यों को करने से श्राद्ध करने का पुण्य नहीं मिल पाता है।
पितृगणों का श्राद्ध कर्म करने के लिए एक साल में मिलते हैं 96 अवसर
शास्त्रों के अनुसार, अपने पितृगणों का श्राद्ध कर्म करने के लिए एक साल में 96 अवसर मिलते हैं। इनमें साल के बारह महीनों की 12 अमावस्या तिथि को श्राद्ध किया जा सकता है। साल की 14 मन्वादि तिथियां, 12 व्यतिपात योग, 12 संक्रांति, 12 वैधृति योग और 15 महालय शामिल हैं। इनमें पितृपक्ष का श्राद्ध कर्म उत्तम माना गया है।
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