इस मौके पर एडीएम एम एम वर्मा ने कहा कि महात्मा गांधी न केवल एक व्यक्तित्व का नाम है बल्कि एक विचारधारा का नाम है। वर्तमान में देश मे जो परिस्थितियां हैं उसमें गांधी बहुत ही प्रासंगिक हैं। गांधी जी बहुमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्ति थे इसीलिए उन्हें सभी विषयों के विद्यार्थी अपने अपने पाठ्यक्रमों में पढ़ते हैं। गांधी जी अपने जीवन मे जिन मूल्यों की बात करते थे उन्हें सिद्दत से जीते भी थे। आज उन्हें याद करते हुए उनके बताए मूल्यों की जीवन मे उतारने की आवश्यकता है।
अध्यक्षीय संबोधन में आत्मप्रकाश ने कहा कि बापू के विचारों को हमें बच्चो के बीच प्रमुखता से रखने की आवश्यकता है तभी हम बापू के सपनो का भारत बना सकते हैं।
अध्यक्षीय संबोधन में आत्मप्रकाश ने कहा कि बापू के विचारों को हमें बच्चो के बीच प्रमुखता से रखने की आवश्यकता है तभी हम बापू के सपनो का भारत बना सकते हैं।
संगोष्ठी को डॉ रियाज़ अहमद, सुधीर जायसवाल, खुर्शीद आलम, बेलाल अहमद, जफर बनारसी, शक्ति कुमार, बनारसी, साहिल अहमद आदि ने भी संबोधित किया। संचालन डॉ मोहम्मद आरिफ ने किया जबकि कार्यक्रम संयोजक शीलम झा ने आभार जताया।
इस मौके पर शाहीन अंसारी, सुधीर जायसवाल, प्रेमप्रकाश, तारकेश्वर, नंदकिशोर, नीलाभ लोचन, महेंद्र भाई, अनूप कुमार, सुशील कुमार, सविता, विमला आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत मे सर्व सेवा संघ राजघाट से टाउनहाल गांधी प्रतिमा तक पदमार्च भी निकाला गया और वहां गांधी प्रतिमा पर सर्वधर्म प्रार्थना की गई।