scriptश्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में मंगला आरती के लिए 700 रुपये शुल्क, सावन भर हर सोमवार विविध रूप से होगा श्रृंगार | Sawan preprations in Kashi vishwanath mandir fee of mangla aarti | Patrika News

श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में मंगला आरती के लिए 700 रुपये शुल्क, सावन भर हर सोमवार विविध रूप से होगा श्रृंगार

locationवाराणसीPublished: Jul 23, 2021 12:58:13 pm

Submitted by:

Karishma Lalwani

Sawan preprations in Kashi vishwanath mandir fee of mangla aarti- 25 जुलाई से सावन त्योहार (Sawan Festival) की शुरुआत हो रही है। ऐसे में श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Mandir) में शुल्क से लेकर श्रद्धालुओं के आगमन भोग, श्रृंगार आदि को लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इस बार सावन में बाबा भक्त श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में नया अहसास पाएंगे।

Sawan preprations in Kashi vishwanath mandir fee of mangla aarti

Sawan preprations in Kashi vishwanath mandir fee of mangla aarti

वाराणसी. Sawan preprations in Kashi vishwanath mandir fee of mangla aarti. 25 जुलाई से सावन त्योहार (Sawan Festival) की शुरुआत हो रही है। ऐसे में श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Mandir) में शुल्क से लेकर श्रद्धालुओं के आगमन भोग, श्रृंगार आदि को लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इस बार सावन में बाबा भक्त श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में नया अहसास पाएंगे। मंदिर की रूपरेखा को पूरा करने का काम चल रहा है इसलिए इस बार श्रद्धालुओं को मंदिर परिसर के गेट-ए से प्रवेश देकर गर्भगृह के पूर्वी प्रवेश द्वार पर जल चढ़ाने की व्यवस्था मिलेगी। इसके अलावा श्रद्धालुओं को दिए जाने वाले भोग, प्रसाद और उनसे लिया जाने वाला शुल्क भी तय हो गया है।सोमवार से श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में सावन भर मंगला आरती के लिए 700 रुपये का शुल्क लिया जाएगा। जबकि आम दिनों में मंगला आरती के लिए 350 रुपये शुल्क लगता है।
हर सोमवार विविध श्रृंगार

मंदिर आने वाले भक्तों को सावन सोमवार शृंगार के लिए 15000 रुपये और पूर्णिमा शृंगार को 3700 रुपये शुल्क देना होगा। श्रावण सोमवार संन्यासी भोग के लिए 7500, अखंड दीप के लिए 700, रुद्राभिषेक 20 वर्ष के लिए 25000, महामृत्युंजय जप (32 शास्त्री एक दिन) के लिए एक लाख व सात शास्त्री से पांच दिन में कराने के लिए 51 हजार रुपये मंदिर कोष में जमा करने होंगे। हर सोमवार को विविध रूप श्रृंगार होगा। पहले सोमवार (26 जुलाई) को शिव श्रृंगार, द्वितीय सोमवार (दो अगस्त) को शिव-पार्वती श्रृंगार, तृतीय सोमवार (नौ अगस्त) को अद्र्धनारीश्वर श्रृंगार और चौथे सोमवार (16 अगस्त) को रुद्राक्ष श्रृंगार और पांचवें सोमवार को शिव-पार्वती-गणेश की चल प्रतिमाओं का झूला श्रृंगार होगा।
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