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BHU में फर्जी प्रमाण पत्र पर नौकरी करने का खुलासा, FIR का निर्देश

locationवाराणसीPublished: Oct 01, 2019 07:54:28 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

BHU प्रोफेसर के खिलाफ एसएसी एसटी आयोग के अध्यक्ष बृजलाल से की गई थी शिकायतएसएसी एसटी आयोग के अध्यक्ष बृजलाल ने एडीजी से मांगी रिपोर्ट

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वाराणसी. BHU में अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र लगा कर नौकरी करने और पोस्ट डॉक्टरेट फेलोशिप हासिल करने का मामला सामने आया है। इस बाबत यहीं के एक व्यक्ति ने अनुसूचित जाति व जनजाति आयोग के अध्यक्ष बृजलाल से शिकायत की थी जिस पर एससी-एसटी आयोग के अध्यक्ष ने एडीजी से संबंधित के खिलाप मुकदमा दर्ज कर 30 अक्टूबर तक आख्या मांगी है।
जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति और जनजाति आयोग के अध्यक्ष बृजलाल ने एडीजी वाराणसी जोन को खत लिखकर यह आख्या मांगी है। बताया जा रहा है कि किसी अनंत नारायण मिश्रा ने यूपी अनुसूचित जाति और जनजाति आयोग के पास इस फर्जी जाति प्रमाणपत्र पर बीएचयू में नौकरी की शिकायत की थी। शिकायत में कहा गया था बीएचयू के समाजशास्त्र विभाग में कार्यरत सहायक प्रफेसर मनोज वर्मा और उनके भाई अरविंद कुमार दोनों कहार जाति के हैं। लेकिन नौकरी और पोस्ट डॉक्टरेट फेलोशिप के लिए सोनभद्र से खरवार जनजाति (अनुसूचित जनजाति) का फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाकर दाखिल किया।
शिकायतकर्ता ने लिखा है कि इस फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर दोनों भाइयों ने अपने नाम के आगे वर्मा टाइटल लगा लिया और आरक्षण का लाभ लिया। इन दोनों भाइयों ने जाति प्रमाणपत्र के सत्यता पर सवाल खड़ा करने पर लंका थाने में समाजशास्त्र विभाग के हेड अरविंद जोशी और अन्या के खिलाफ एससी-एसटी ऐक्ट तथा मारपीट की धाराओं में 28 जनवरी को दर्ज कराया था। वाराणसी एडीजी जोन कार्यालय ने प्रकरण की जांच शुरू कर दी है।

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