ग्राम प्रधानों और सचिवों ने मिल कर शासन की इस महत्वपूर्ण योजना को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया है। आलम यह है कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांवों को ओडीएफ करने की प्रक्रिया के तहत बनारस को जबरदस्त झटका लगा है। सौ से ज्यादा गांव ऐसे हैं जहां शौचालय निर्माण में खामी पाई गई है। गड़बड़ी मिलने पर सचिवों और ग्राम प्रधानों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने की कार्रवाई शुरू की गई है। जिला पंचायती राज विभाग ने 100 से ज्यादा ग्राम प्रधानों और सचिवों को नोटिस जारी किया है। कई गांव ऐसे हैं जहां के शौचालयों को तोड़ कर फिर से बनाया जा रहा है। सात गांवों में तो एडवांस रिपोर्टिंग की शिकायत भी उजागर हुई है। सूत्रों के मुताबिक बड़ागांव ब्लाक में सर्वाधिक गड़बड़ी हुई है।
जिला पंचायती राज विभाग के मुताबिक शौचालय निर्माण में गड़बडी मिलने के बाद मॉडल स्टीमेट बनाने का फैसला लिया है। इसके तहत मानकों के अनुसार शौचलयों के गड्ढे, चैंबर आदि पर खर्च होने वाली धनराशि का आंकलन तैयार किया जाएगा। विभाग का मानना है कि इससे अनियमितता का पता चलने पर धनराशि का सही व सहज तरीके से आंकलन किया जा सकेगा। साथ ही संबंधित से खर्च धनराशि की रिकवरी हो सकेगी।