राजकीय सम्मान के साथ हुई अंत्येष्टिशहर के गणमान्य लोगों ने दी अंतिम विदायी
आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के मूर्धन्य विद्वान पद्मश्री प्रो कृष्ण चंद्र चुनेकर (फाइल फोटो)
वराणसी. आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के मूर्धन्य विद्वान पद्मश्री प्रो कृष्ण चंद्र चुनेकर का सोमवार की सुबह 91 वर्ष की अवस्था में रतन फाटक, जतनबर स्थित उनके पैतृक आवास पर निधन हो गया। वे कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे। वह अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं। शाम 4 बजे मणिकर्णिका घाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनकी अंत्येष्टि हुई। पुलिस के जवानों ने उन्हें अंतिम शास्त्र सलामी दी। प्रशासन की ओर से लेखपाल ने शव पर माल्यार्पण किया। मुखाग्नि उनके पुत्र अनिरुद्ध चुनेकर ने दी।
प्रो चुनेकर काशी हिंदू विश्वविद्यालय के आयुर्वेद संकाय के द्रव्यगुण विभाग के अध्यक्ष रह चुके हैं। प्रो चुनेकर का नाम आयुर्वेदिक चिकित्सा विशेषकर द्रव्यगुण के क्षेत्र में बहुत ही सम्मान से लिया जाता है। उन्होंने आयुर्वेदिक औषधियों पर कई पुस्तकों का लेखन किया है। इनमें ‘मेडिसिनल प्लान्ट्स ऑफ सुश्रुत संहिता’ प्रमुख है। उनकी उपलब्धियों के मद्देनजर ही भारत सरकार ने 2013 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया था।