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छह माह बाद खुले स्कूल, अभिभावकों की लिखित इजाजत लेकर पहुंचे छात्र

locationवाराणसीPublished: Oct 19, 2020 05:58:57 pm

कोरोना महामारी के चलते लाॅक डाउन से बंद चल रहे स्कूल सोमवार से खुले
फिलहाल कक्षा नौ से लेकर 12 तक के विद्यार्थियों को ही स्कूल आने की इजाजत
सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक पाबंदियों के साथ चलेंगे विद्यालय

School open

स्कूल खुले

वाराणसी. कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन के चलते पिछले 6 महीने से बंद उत्तर प्रदेश के स्कूल कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों के लिए सोमवार को खोल दिए गए। महीनों बाद छात्र जब स्कूल पहुंचे तो उन्हें वहां सब कुछ बदला-बदला सा मिला। स्कूल में पहले जैसी आजादी नहीं थी, बल्कि दूर-दूर बैठने समेत कई पाबंदियों का पालन करना पड़ा। सबसे पहले छात्रों के हाथों को सैनिटाइज किया गया इसके बाद उनकी थर्मल इसकी नहीं हुई, तब जाकर स्कूल के अंदर प्रवेश मिला। छात्रों ने मुंह पर मास्क लगाए हुए थे और कई छात्र हाथों में दस्ताने पहनकर पहुंचे थे। सुबह की प्रेयर भी नहीं हुई और क्लास में भी छात्र दूर-दूर ही बैठे। सुबह 8:50 बजे से दोपहर 11:50 बजे तक कक्षा 9 व 10 के छात्रों की कक्षाएं चली और इसके बाद दूसरी शिफ्ट में दोपहर 12:20 बजे से 3:20 बजे तक इंटरमीडिएट के कक्षा 11 व 12 के छात्रों के क्लास लिए गए। वही छात्र-छत्राएं स्कूल पहुंचे जिनके अभिभावकों ने इसकी लिखित इजाजत दी। वाराणसी, आज़मगढ़, जौनपुर, प्रयागराज व गोरखपुर समेत शहरों में स्कूल तो खुले लेकिन वहां छात्रों की संख्या उम्मीद से बेहद कम रही। कई जगह अधिकारी खुद पहुंचे और व्यवस्था देखी।

 

अनलॉक 5.0 के बाद सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक कई पाबंदियों के साथ उत्तर प्रदेश में सोमवार से कक्षा 9 से 12 तक के स्कूल खोले गए। हालांकि स्पष्ट गाइडलाइन है कि छात्रों को स्कूल आने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा। अभिभावकों की लिखित सहमति के बाद ही छात्र स्कूल आ सकेंगे। इसके अलावा ऑनलाइन कक्षाएं भी पहले की तरह ही चलती रहेंगी। संक्रमण से बचाव के मद्देनजर फिलहाल 50% छात्रों को ही स्कूल बुलाए जाने की अनुमति दी गई है।

 

वाराणसी में स्कूल गेट के बाहर बाकायदा कैंप लगाकर छात्रों से पहले अभिभावकों का सहमति पत्र लिया जा रहा था उसके बाद हैंड सेनीटाइज व थर्मल स्क्रीनिंग कर उन्हें अंदर प्रवेश दिया जा रहा था। तकरीबन इसी तरह का नजारा हर स्कूल के बाहर देखने को मिला। हालांकि तमाम इंतजाम के बावजूद स्कूलों में छात्रों की संख्या बेहद कम नज़र आई। कई कक्षाओं में एक या दो छात्र ही स्कूल पहुंचे। कुछ स्कूलों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के लिए हॉल में कक्षाएं लगाकर छात्रों को बैठाया गया। कई स्कूलों में ऑटोमेटिक हैंड सेनीटाइजर शन मशीनें लगाई गई। स्कूलों में शिक्षक भी छात्रों को संक्रमण से बचाव के लिए जागरूक करते दिखे। स्कूलों में इंतजाम देखने और एहतियात के तौर पर बहुत सारे अभिभावक अपने बच्चों को खुद लेकर स्कूल पहुंचे हालांकी गाइड लाइन में भी अभिभावकों से बच्चों को खुद स्कूल लाने और ले जाने को कहा गया है।

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