वाराणसी के युवाओं और युवतयों ने सेंसेई रणजीत सिंह से सीख ली है वह कला कि वो किसी सूरत में दुश्मन से अपनी रक्षा कर सकते हैं। बता दें कि सेंसेई रणजीत पारंपरिक जापानी ओकिनावा गोजुरयो और शिकोकाई शितिरियो कराटे, इजरायली क्राव मागा आत्मरक्षा प्रणाली, क्लोज क्वार्टर कॉम्बैट, आतंकवाद विरोधी, वीआईपी सुरक्षा और केटलबेल स्टाइल जैसी अन्य फिटनेस ट्रेनिंग का प्रशिक्षण मार्शल आर्ट्स मास्टर्स जैसे जापानी सेंसेई मिजुगुचि, इजरायल मास्टर लियोर ऑफेनबैच, सेंसेई नामग्याल,सेंसेई प्रदुमन गौर, सेंसेई विक्की कपूर और सेंसेई सिरिल ऑगस्टाइन से हासिल किया है। इन्होंने सैन्य, सुरक्षा बल और आतंकवाद विरोधी दलों को भी प्रशिक्षित किया है।
ऐसे ही सेंसेई रणजीत सिंह ने गुरुवार को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (काशी हिंदू विश्वविद्यालय ) के छात्र-छात्राओं को आत्मरक्षा की कला का गुर सिखाया। बताया कि, “आपके दिमाग को इस तथ्य से सहज बना रहना चाहिए कि आपका शरीर थोड़ा असहज हो सकता है”।
ट्रेनिंग सेशन में उन्होंने उत्साही छात्रों को अद्भुत आत्मरक्षा तकनीकों से प्रशिक्षित किया, जो वास्तविक जीवन की परिस्थितियों जैसे कि बदमाशी, फोन छीनना और छेड़खानी के समय मदद इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्होंने छात्रों से इस खेल को अपनाने और इसे अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाने की अपील की। कहा कि “आत्मरक्षा का एक ही सिद्धांत है -सबसे कारगर हथियार से कम समय में सबसे अप्रत्यक्ष और असहिष्णु वार “।
इस सत्र में स्पोर्ट्स विंग के काउंसलर प्रोफेसर आरएस सिंह, ताइक्वांडो टीम के कोच संजय तिवारी और खेल परिषद के ज्वाइंट जनरल सेक्रेटरी निखिलेश जौहरी मौजूद थे। ताइक्वांडो टीम आईआईटी बीएचयू की ओर से कोच संजय तिवारी ने सेंसेई रणजीत सिंह को भेंट स्वरूप एक स्मृति चिन्ह प्रदान किया।