बसपा सुप्रीमो मायावती के जन्मदिन 15 जनवरी को सपा व बसपा के महागठबंधन का ऐलान हो सकता है। सपा, बसपा के साथ रालोद एंव अन्य छोटे दल महागठबंधन में शामिल हो सकते हैं। इस महागठबंधन में इतनी सीट नहीं बची है कि कांग्रेस को दी जाये। राजस्थान, मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ में सरकार बनाने के बाद से राहुल गांधी नये तेवर में आ गये हैं। कांग्रेस की ताकत तेजी से बढ़ती जा रही है ऐसे में कांग्रेस को सम्मानजनक सीट नहीं मिली तो वह राहुल व अखिलेश यादव के साथ नहीं जायेगी। इन परिस्थतियों में कांग्रेस व शिवपाल यादव की पार्टी गठबंधन करके अन्य दलों को बड़ा झटका दे सकती है।
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शिवपाल यादव बन सकते हैं पिछड़े वर्ग का बड़ा चेहरा
सपा में मुलायम सिंह यादव को लेकर संशय बरकार है। मुलायम सिंह यादव कभी अखिलेश के साथ नजर आते हैं तो कभी शिवपाल यादव की पार्टी के कार्यक्रम में शामिल होते हैं। सपा से अलग होने के बाद शिवपाल यादव ने तेजी से अपना संगठन खड़ा किया है। ऐसे में शिवपाल यादव को कांग्रेस का साथ मिल जाता है तो यह गठबंधन गेमचेंजर साबित हो सकता है। शिवपाल यादव पिछड़े वर्ग के बड़े नेता बन कर उभर सकते हैं। कांग्रेस व शिवपाल यादव के गठबंधन से सबसे अधिक नुकसान अखिलेश यादव व मायावती को गठबंधन को होगा।
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सपा में मुलायम सिंह यादव को लेकर संशय बरकार है। मुलायम सिंह यादव कभी अखिलेश के साथ नजर आते हैं तो कभी शिवपाल यादव की पार्टी के कार्यक्रम में शामिल होते हैं। सपा से अलग होने के बाद शिवपाल यादव ने तेजी से अपना संगठन खड़ा किया है। ऐसे में शिवपाल यादव को कांग्रेस का साथ मिल जाता है तो यह गठबंधन गेमचेंजर साबित हो सकता है। शिवपाल यादव पिछड़े वर्ग के बड़े नेता बन कर उभर सकते हैं। कांग्रेस व शिवपाल यादव के गठबंधन से सबसे अधिक नुकसान अखिलेश यादव व मायावती को गठबंधन को होगा।
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तो फिर कांग्रेस व शिवपाल यादव के गठबंधन में शामिल हो जायेंगे सपा के असंतुष्ट नेता
कांग्रेस के साथ शिवपाल यादव का गठबंधन होता है तो सपा के टूटने की भी संभावना बन जायेगी। लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव व मायावती मिल कर चुनाव लड़ेंगे। ऐसे में सपा के कई नेताओं के टिकट कटने तय है। टिकट कटने से नाराज नेता के लिए शिवपाल यादव बड़ा सहारा बनने वाले है, यदि कांग्रेस व शिवपाल यादव में गठबंधन हो जाता है तो शिवपाल यादव के सहारे सपा के असंतुष्ट नेता भी इसी गठबंधन में शामिल हो जायेंगे। ऐसा होने पर सपा के लिए अपनी सीटों को बचाना कठिन हो जायेगा।
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कांग्रेस के साथ शिवपाल यादव का गठबंधन होता है तो सपा के टूटने की भी संभावना बन जायेगी। लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव व मायावती मिल कर चुनाव लड़ेंगे। ऐसे में सपा के कई नेताओं के टिकट कटने तय है। टिकट कटने से नाराज नेता के लिए शिवपाल यादव बड़ा सहारा बनने वाले है, यदि कांग्रेस व शिवपाल यादव में गठबंधन हो जाता है तो शिवपाल यादव के सहारे सपा के असंतुष्ट नेता भी इसी गठबंधन में शामिल हो जायेंगे। ऐसा होने पर सपा के लिए अपनी सीटों को बचाना कठिन हो जायेगा।
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यादव व दलित गठबजोड़ नहीं हुआ तो भी शिवपाल यादव को मिलेगा फायदा
यूपी विधानसभा चुनाव २०१९ में सपा ने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया था लेकिन कार्यकर्ताओं ने एक-दूसरे के प्रत्याशियों को जीताने में सहयोग नहीं किया। पूर्वांचल की बात की जाये तो जमीन से लेकर अन्य विवादों के चलते यादव व दलित वर्ग आमने-सामने रहते हैं। ऐसे में सपा व बसपा गठबंधन से जिन कार्यकर्ताओं को नाराजगी होगी। वह सीधे शिवपाल यादव से जुड़ जायेंगे। इसका सीधा फायदा शिवपाल यादव के साथ कांग्रेस को हो सकता है।
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यूपी विधानसभा चुनाव २०१९ में सपा ने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया था लेकिन कार्यकर्ताओं ने एक-दूसरे के प्रत्याशियों को जीताने में सहयोग नहीं किया। पूर्वांचल की बात की जाये तो जमीन से लेकर अन्य विवादों के चलते यादव व दलित वर्ग आमने-सामने रहते हैं। ऐसे में सपा व बसपा गठबंधन से जिन कार्यकर्ताओं को नाराजगी होगी। वह सीधे शिवपाल यादव से जुड़ जायेंगे। इसका सीधा फायदा शिवपाल यादव के साथ कांग्रेस को हो सकता है।
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