scriptवाराणसी जिला जेल बवाल -जेल में कुछ तो था जो पक रहा था | Something wrong in District Jail | Patrika News

वाराणसी जिला जेल बवाल -जेल में कुछ तो था जो पक रहा था

locationवाराणसीPublished: Apr 02, 2016 10:37:00 pm

Submitted by:

Devesh Singh

डीआईजी जेल ने कहा कि जेल अधीक्षक नियमों के अनुपालन के लिए करत थे सख्ती, साजिश की तहत हुई घटना

Jail DIG

Jail DIG

वाराणसी. जिला जेल में बवाल षडयंत्र के तहत कराया गया है। जेल में ऐसा कुछ तो था जो पक रहा था। जेल अधीक्षक आशीष तिवारी नियमों के अनुपालन को लेकर सख्ती करते थे, जिससे भी बंदी नाराज थे। घटना की जांच की जायेगी और दोषियों के खिलाफ विधिक कार्रवाई भी होगी। यहां के जेल अधीक्षक को हटा दिया गया है और मुरादाबाद के जेल अधीक्षक बीडी पांडेय को जिला जेल का अधीक्षक बनाया गया है इसके अतिरिक्त फैजाबाद के जेलर पवन द्विवेदी को तबादला भी यहां कर दिया गया है।
यह बात इलाहाबाद परिक्षेत्र के डीआईजी जेल संतोष श्रीवास्तव ने शनिवार की देर रात्रि में जिला जेल में मीडिया से बातचीत में कही। उन्होंनें कहा कि 28 मार्च को जिला प्रशासन की टीम ने वाराणसी की जिला जेल का निरीक्षण किया था और किसी बंदी ने कोई शिकायत नहीं की थी लेकिन चार दिनों में ऐसा क्या हो गया कि बंदियों ने इतना हंगामा कर दिया। उन्होंने कहा कि प्रथम दृष्टया की जांच में यह बात पता चली है साजिश के तहत घटना को अंजाम दिया गया था। अंतिम जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी।
बंदियों ने तोड़ दिया 19 लाख का सीसीटीवी
डीआईजी जेल ने बताया कि हाल में ही जिला जेल में 19 लाख का सीसीटीवी लगाया गया था जिसे बंदियों ने तोड़ दिया है जिससे पता चलता है कि हंगामे के दौरान बंदियों ने उन चीजों पर खास तौर पर निशाना बनाया, जो उन पर नजर रख सकती थी।
अन्य जेलों में नहीं होती ऐसी सख्ती
जेल डीआईजी ने दबी जुबान में स्वीकार किया कि जौनपुर, गाजीपुर, मुजफ्फरनगर जेल से आये कैदियों ने उन्हें बताया कि वहां पर एलआईयू के बिना ही मुलाकात करायी जाती थी और खाना बनाने की भी छूट थी जबकि यहां की जेल में उन्हें ऐसी व्यवस्था नहीं मिली।
9 लोग घायल, डिप्टी जेलर की स्थिति गंभीर
डीआईजी जेल के अनुसार हंगामे में कुल 9 लोग घायल हुए है एक डिप्टी जेलर की स्थिति गंभीर बनी हुई है, जिन्हें इलाज के लिए बीएचयू के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है जबकि जेल अधीक्षक आशीष तिवारी को सात घंटे बंधक बनाये जाने के बाद सुरक्षित छुड़ाया गया है जिनका जेल अस्पताल में ही इलाज हुआ है।
24 घंटे में होगी आरंभिक जांच पूरी
जेल डीआईजी ने बताया कि 24 घंटे में ही वह प्रारंभिक जांच पूरी कर लेंगे। इसके बाद कुछ कहना सही होगा। फिलहाल वह दो दिन तक यहां पर रह कर व्यवस्था पर नजर रखेंगे।
जेल अधीक्षक के कक्ष में भी हुई है तोडफ़ोड़
डीआईजी जेल ने दिखाया कि जेल अधीक्षक के भी कमरे में तोडफ़ोड़ की गयी है सख्ती करने पर बंदी हमला करते है इस प्रश्र पर उन्होंने कहा कि सख्ती करना आवश्यक है नहीं तो जेलों में अराजकता फैल जायेगी। हर नौकरी की कुछ चुनौती होती है इसी तरह जेल अधीक्षक के पद की चुनौतियों का समाना सभी अधिकारी को करना होगा
रात में सेंट्रल जेल से लाये गये सात बंदी रक्षक
जिला जेल में पहले ही 20 नये बंदी रक्षक भेजे गये थे और घटना के बाद 7 और बंदी रक्षक सेंट्रल जेल से यहां पर भेजे गये है। सुरक्षा की दृष्टि से जेल परिसर व बाहर पीएससी व पुलिस तैनात की गयी है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो