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वाराणसी में PM मोदी के खिलाफ सपा और कांग्रेस प्रत्याशियों की घोषणा इस तिथि तक

locationवाराणसीPublished: Apr 11, 2019 02:59:45 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

-कार्यकर्ताओं और आमजन की अकुलाहट जल्द होगी दूर-दोनों ही दलों से स्थानीय ही हो सकता है प्रत्याशी

बनारस लोकसभा सीट से संभावित प्रत्याशी

बनारस लोकसभा सीट से संभावित प्रत्याशी

डॉ अजय कृष्ण चतुर्वेदी

वाराणसी. लोकसभा चुनाव के प्रत्याशी को लेकर बनारस में सपा और कांग्रेस कार्यकर्ता से लेकर आमजन तक में बेचैनी बढ़ती ही जा रही है। जैसे-जैसे नामांकन दाखिले की तिथि नजदीक आ रही है हर वर्ग परेशान है कि आखिर क्या वजह है कि दोनों ही पार्टियां प्रत्याशी की घोषणा क्यों नहीं कर रहीं। चाय-पान की दुकान हो या सोशल मीडिया एक ही सवाल बनारस में नरेंद्र मोदी के खिलाफ मैदान में कौन होगा। क्या साझा उम्मीदवार आएगा। क्या कांग्रेस से प्रियंका गांधी मोदी को चुनौती देंगी। ये ऐसे सवाल हैं जो इस चुनावी मौसम में चर्चा के केंद्र में हैं। वैसे कांग्रेस हो या सपा दोनों ही 11 अप्रैल को हो रहे पहले चरण के मतदान के ट्रेंड की समीक्षा के बाद प्रत्याशी की घोषणा करेंगे।
26 को नामांकन करेंगे मोदी
बता दें कि बनारस में 22 अप्रैल से नामांकन दाखिले की प्रक्रिया शुरू हो रही है। ऐसे में अब सपा हो या कांग्रेस दोनों के ही पास वक्त सीमित है। उधर भाजपा ने तय कर दिया है कि नरेंद्र मोदी 26 अप्रैल को नामांकन करेंगे। ऐसे में आमजन के बीच यह मैसेज भी जा रहा है कि क्या केवल निर्दल ही मोदी को चुनौती देंगे।
इन्होंने ठोकी है ताल
मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य में मोदी के खिलाफ साझा उम्मीदवार की उम्मीद लगभग खत्म हो चुकी है। ऐसे में यह तो तय है कि नरेंद्र मोदी के खिलाफ बनारस से सपा और कांग्रेस दोनों के ही प्रत्याशी मैदान में होंगे। इसके अलावा तमिलनाडु के 111 किसान, भीम आर्मी पार्टी के चंद्रशेखर, बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव के अलावा पश्चिम बंगाल हाईकोर्ट के जस्टिस सीएस कर्णन ने नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने का ऐलान कर रखा है। चंद्रशेखर ने जहां बनारस पहुंच कर रोड शो तक किया तो तेज बहादुर ने भी मीडिया के सामने अपनी बातें रख दी हैं। तेज बहादुर ने तो यहां तक कहा है कि उनके साथ 10,000 जवान भी आएंगे चुनाव प्रचार के लिए।
तेज बहादुर, सीएस कर्णन का क्रेज
वैसे बनारस की जनता की नब्ज टटोली जाए तो एक बड़ा तबका है जो तेज बहादुर यादव के नाम की चर्चा कर रहा है। लोगों का कहना है कि तेज बहादुर काफी हद तक नरेंद्र मोदी को टक्कर दे सकते हैं। तेज बहादुर के फालोवर शहर से लेकर गांव तक दिख रहे है। हर चट्टी, चौराहे पर लोग दो-चार नामों के साथ उनका नाम जरूर ले रहे है। वहीं पढ़े लिखे वर्ग में कर्णन को गंभीरता से लिया जा रहा है।
सुरेंद्र पटेल चर्चा में
अब अगर बात करें समाजवादी पार्टी की तो पार्टी का प्रत्याशी तय करने के लिए मार्च में ही पूर्व सीएम व राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सभी पदाधिकारियों को लखनऊ तलब किया था। उस बैठक में प्रदेश के पूर्व लोकनिर्माण राज्य मंत्री सुरेंद्र पटेल के नाम पर बनारस के समाजवादियों ने आम सहमति जताई थी। लेकिन कोई अंतिम फैसला नहीं हो सका था। पार्टी सूत्रों के मुताबिक अखिलेश ने बनारस के समाजवादियों पर ही सब कुछ छोड़ दिया था। साथ ही कहा था कि दावेदार जो भी हो अपना बेस वोट दिखाए और टिकट ले जाए। उसके बाद से ही बनारस में सुरेंद्र पटेल के नाम की चर्चा जोरों पर है। पार्टी के भरोसेमंद सूत्रों का कहना है कि हो सकता है कि सुरेंद्र पटेल को टिकट मिल जाए।
वैसे सूत्र यह भी बता रहे हैं कि बनारस आने से पहले बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव अखिलेश यादव से मिले थे। काफी देर तक दोनों के बीच बात हुई। तेज बहादुर ने वाराणसी में में मीडिया से बातचीत में कहा भी था कि अखिलेश का समर्थन उन्हें हासिल है। ऐसे में ये कयास भी लगाए जा रहे हैं कि पार्टी तेज बहादुर को समर्थन दे दे।
पहले चरण के मतदान का ट्रेंड देख होगी प्रत्याशी की घोषणा
वैसे सूत्रो ने बताया कि गुरुवार यानी 11 अप्रैल को देश के विभिन्न क्षेत्रों में हो रहे मतदान की रिपोर्ट आने के बाद उसकी समीक्षा की जाएगी। फिर ट्रेंड देखते हुए एक-दो दिन के भीतर प्रत्याशी की घोषणा कर दी जाएगी।
प्रियंका के चुनाव लड़ने की उम्मीद कम
उधर जहां तक कांग्रेस का सवाल है तो एक बात तो तय हो चुकी है कि प्रियंका गांधी, नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव नहीं लड़ने जा रही हैं। वह रायबरेली, अमेठी के साथ पूर्वांचल के जीत सकने वाले उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार करेंगी। ज्यादा जोर अमेठी और रायबरेली पर होगा ताकि राहुल को देश भर में प्रचार करने का मौका मिल सके।
ऐसे में अब दो पुराने स्थानीय दिग्गजों में टसल है। इसमें एक 2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी को टक्कर देने वाला पिंडरा के पूर्व विधायक अजय राय और 2004 में वाराणसी से सांसद रहे डॉ राजेश मिश्र। इनके अलावा संकट मोचन मंदिर के महंत प्रो विश्वंभर नाथ मिश्र का भी नाम चल रहा है। वैसे कल्कीपीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णन के नाम की भी चर्चा है लेकिन उनके नाम को बहुत गंभीरता से नहीं लिया जा रहा।
सूत्रो का कहना है कि पार्टी अंततः अजय राय को बनारस से दोबारा नरेंद्र मोदी के खिलाफ टिकट दे सकती है। जहां तक सवाल डॉ मिश्र का है तो उन्हें अस्वस्थ चल रहे भोला पांडेय की जगह सलेमपुर भेजा जा सकता है।
राम नवमी तक घोषित हो सकता है टिकट।
अंतिम रूप से टिकट घोषणा के मुद्दे पर पार्टी सूत्रों का कहना है कि पहले चरण के मतदान का ट्रेंड देखने के बाद प्रत्याशी की घोषणा एक-दो दिन में कर दी जाएगी। कहा यह भी जा रहा है कि रामनवमी को प्रत्याशी के नाम की घोषणा हो सकती है। 2014 में भी इसी दिन प्रत्याशी के नाम की घोषणा हुई थी।

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