निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद ने डीएम पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने भी 22000 की लीड का दावा किया है। हालांकि आधिकारिक तौर पर सिर्फ पांच राउंड के परिणाम जारी हुए हैं, जिसमें सपा ने 4307 से अधिक की लीड ली है। पांचवें राउंड में बीजेपी 70370 तो सपा को 74377 मत मिले। भाजपा के लिए हैरानी की बात ये है कि अभी एक साल पहले हुए विधानसभा चुनाव मे जिस भाजपा को जनता ने ऐतिहासिक जीत दी थी। अब वही बीजेपी अपने दो दिग्गज नेताओं की सीटों पर भारी अंतर पीछे हो गई है।
अखिलेश माया की जोडी़ बढ़ी सफलता की ओर जिस तरीके से कभी कांशीराम और मुलायम की जोड़ी ने यूपी में सारे समीकरण ध्वस्त कर दिये थे। उसी की राह पर इस उपचुनाव में सपा-बसपा को मिलती बढ़त ने माया-अखिलेश की जोड़ी को हिट कर दिया है। हालांकि अभी फाइनल परिणाम में देरी है। लेकिन जनता में ये आवाज उठने लगी है कि माया अखिलेश की जोड़ी आगे हिट होगी।
सबका-साथ सबका विकास कितना सच विधान सभा में भी सबका सबका-साथ सबका विकास का नारा देने वाली भाजपा के लिए ये हैरानी भरी खबर है कि वो अपने दो यूपी के सबसे लोकप्रिय चेहरे सीएम योगी और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या की सीट पर पिछड़ गई है। ऐसे में शायद जमीन पर सबका साथ सबका विकास नहीं हो पा रहा है। क्य़ूंकि अगर सरकार जनता तक अपनी पहुंच बनाती तो ऐसे परिणाम तो न आते।
भाजपा खेमें में बढ़ी टेंशन शुरूआती परिणामों में फूलपुर सीट पर लगातार सपा के नागेन्द्र पटेल तो गोरखपुर सीट पर सपा के प्रवीण निषाद की बढ़त से भाजपा खेमें में टेंशन बढ़ गई है। खासकर सपा और बसपा के साथ आने के बाद भाजपा ने यह प्रसास तो जरूर किया था कि हर हाल मे दोनों सीट पर बड़ी जीत दर्ज कर इस सपा बसपा के साथ की हवा निकाली जा सके। लेकिन सपा उम्मीदवारों की बढ़त से भाजपा खेमें में टेंशन दे दी है। इलाबाहाद और गोरखपुर संवाददाता के अनुसार अभी बीजेपी के जिला मुख्यालय पर भाजपा के कार्यकर्ता और नेता नजर नहीं आ रहे हैं। वहीं फोन पर पर संपर्क करने पर बीजेपी के नेता इन शुरूआती परिणामों पर कुछ बोलने से बचते नजर आ रहे हैं। निश्चित तौर पर अगर भाजपा दोनों सीट गंवाती है तो सपा और बसपा के लिए य़े जीत एक नजीर बनेगी जो 2019 में भाजपा को परेशान कर सकती है।