वाराणसी

देखते रह गए कांग्रेस व बसपा नेता, समाजवादी पार्टी ने मार ली बाजी, संजय गांधी मार्केट के व्यापारियों को जल्द मिलेगी राहत

समाजवादी पार्टी के नेता संजय गांधी मार्केट व पशुपालकों के मुद्दे पर मिले नगर आयुक्त सेसपा प्रतिनिधिमंडल को नगर आयुक्त ने किया आश्वस्तबोले नगर आयुक्त एक-दो दिन में राजस्व विभाग जारी करेगा पत्र

वाराणसीSep 19, 2019 / 05:38 pm

Ajay Chaturvedi

नगर आयुक्त को ज्ञापन सौंपते सपा नेता

वाराणसी. शहर के हृदय स्थल पर बसे बाजार को आधी रात को जमींदोज कर संबंधित परिवार को सड़क पर लाने के जिला प्रशासन के कदम के विरोध में समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को नगर आयुक्त से मिला। सपा नेताओं ने नगर आयुक्त से वार्ता के दौरान संजय गांधी मार्केट को गिराने और पशुपालकों के मुद्दे को उठाया। उन्होने कहा कि इन दोनों ही मुद्दों से व्यापारी और गौ पालकों के समक्ष रोजी-रोटी की गंभीर समस्या खड़ी हो गई है। ऐसे में इन दोनों ही मसलों का शीघ्र समाधान निकालना जरूर है। सपा नेताओं ने इस मद्दे पर नगर आयुक्त को तीन सूत्री ज्ञापन भी सौंपा।
सपा के निवर्तमान जिला व महानगर अध्यक्ष क्रमशः डॉ पीयूष यादव और राजकुमार जायसवाल ने बताया कि वार्ता सार्थक लग रही है। नगर आयुक्त ने प्रतिनिधिमंडल की बात को गम्भीरता पूर्वक सुनने के उपरांत कई मुद्दों पर सहमति जताई। कहा कि सभी बिंदुओं पर शासन के शीर्षस्थ अधिकारियों व सरकार से वार्ता कर अतिशीघ्र उचित समाधान निकाला जाएगा। जहां तक संजय गांधी मार्केट के सिंधी समुदाय के विस्थापित दुकानदारों का मसला है तो उस स्थल पर बनने वाले मार्केट कम पार्किंग निर्माण के उपरांत दुकाने आवंटित की जाएंगी इसका लिखित आश्वासन तीन दिनों के अंदर राजस्व अधिकारी द्वारा ज़ारी कर दिया जाएगा।
इससे पहले सपा नेताओं ने बतायाकि प्रतिनिधि मंडल का मुख्य उद्देश्य विगत कुछ दिनों पहले संजय गांधी मार्केट गोदौलिया में सिंधी समाज के लोगों की दुकानों को जिला प्रशासन के द्वारा अचानक आधीरात को बिना किसी पूर्व सूचना के तोड़ दिया गया था, जिससे इन परिवारों के समक्ष रोजी-रोटी एवं जीवकोपार्जन की समस्या उत्पन्न हो गई है। उसी तरह प्राचीनकाल से काशी की संस्कृति में घुले मिले गोपालकों को बिना किसी ठोस पुनर्वासित योजना के शहर छोड़ने को मजबूर करने के सरकारी फ़रमान के कारण सैकडों पशुओं की मौत और गो पलकों में जीवकोपार्जन को लेकर भ्रम, असमंजस व असुरक्षा की भावना को दूर करने के लिए समुचित समाधान व ठोस व्यवस्था की मांग को लेकर था।
इस मुद्दे पर निवर्तमान जिलाध्यक्ष डॉ.पीयूष यादव ने नगर आयुक्त के समक्ष अपनी बात रखते हुए कहा कि बिना किसी पूर्व सूचना के आधीरात में आज़ादी के बाद से उस स्थल पर बसे सिंधी परिवार की दुकानों को तोड़ने से पहले इनके पुनर्वास की व्यवस्था करनी चाहिए थी। ऐसा न करने से लगभग 40 परिवार पूरी तरह से भुखमरी के कगार पर सड़क पर आ गए है।
निवर्तमान महानगर अध्यक्ष राजकुमार जायसवाल ने वाराणसी महानगर के अंदर गौपालकों को जिला प्रशासन द्वारा शहर से बाहर करने पर गंभीर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि माननीय न्यायालय के आदेश में कहीं भी गौपालकों को शहर से बाहर करने का आदेश नहीं दिया गया है बल्कि आवारा पशुओं को पकड़कर शहर से बाहर कैटिल कॉलोनी में विस्थापित करने का आदेश हुआ है। जिला प्रशासन वाराणसी शहर के एक बड़े समुदाय गौपालकों के साथ नाइंसाफी कर रही है।
समाजवादी पार्टी पार्षद दल के नेता कमल पटेल ने नगर निगम के अंदर आवारा मृत पशुओं को उठाने एवं उनके पार्थिव शरीर को डिस्पोजल करने का मुद्दा उठाया।

प्रतिनिधिमंडल में प्रमुख रूप से जिला महासचिव डॉ रमेश राजभर, महानगर महासचिव जितेंद्र यादव, विवेक यादव, पार्षदगण मनोज यादव, गोपाल जी यादव, मिथिलेश साहनी, राजेश पासी, हारुन अंसारी, प्रशांत सिंह पिंकू, जमाल अंसारी, पूर्व पार्षदगण बिज्जू विश्वकर्मा, इरशाद अहमद प्रमोद राय, सिंधी व्यापारी नेता शंकर बिश्नानी, रामशरण बिंद, डॉ.आनंद प्रकाश तिवारी, श्रीमती पूजा यादव, राजू यादव, संजय प्रियदर्शी, दीपचंद गुप्ता, हीरु यादव, रोहित एडव संतोष यादव बबलू, सत्यनारायण यादव, सत्यम यादव, त्रिलोकी यादव, आनंद यादव आदि शामिल रहे।

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