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गंगा की सेहत जांचने के लिए शुरू हुआ सबसे बड़ा अभियान, पानी के लिए गये सैंपल

locationवाराणसीPublished: Oct 23, 2019 07:34:01 pm

Submitted by:

Devesh Singh

तीन सदस्यीय टीम ने एसटीपी का भी किया निरीक्षण, जांच रिपोर्ट के बाद पता चलेगा कितना साफ हुआ पानी

Ganga Water

Ganga Water

वाराणसी. पीएम नरेन्द्र मोदी सरकार में गंगा कितनी साफ हुई है इसका अब खुलासा होगा। नेशनल क्लीन मिशन के तहत बनारस में तीन सदस्यीय टीम आयी है जो गंगा की सेहत की जांच कर रही है। बुधवार को टीम ने अस्सी घाट से मणिकर्णिका घाट तक गंगा नदी का हाल देखा और पानी का सैंपल भी लिया।
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केन्द्रीय प्रदूषण बोर्ड के टीएन सिंह ने बताया कि हरिद्वार से लेकर गंगा सागर तक गंगा का पानी कैसा है इसकी जांच की जा रही है। बनारस में टीम के सदस्यों ने अस्सी घाट से मणिकर्णिका घाट तक निरीक्षण किया है। जगह-जगह पर पानी का सैंपल लिया गया है जिसकी रात में जांच की जा रही है। टीम के सदस्यों ने भगवानपुर एसटीपी भी जाकर वहां का सैंपल लिया है। जांच के बाद सैंपल की रिपोर्ट के आधार पर पता चलेगा कि गंगा का पानी कितना स्वच्छ हुआ है।
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बाढ़ में और बिगड़ जाती है गंगा की सेहत
बाढ़ आने पर गंगा की सेहत और खराब हो जाती है। बाढ़ के साथ मिट्टी व भारी मात्रा में गंदगी आ जाती है। पानी बढऩे पर एसटीपी से बिना साफ किया हुआ पानी गंगा में छोड़ दिया जाता है इसका असर होता है कि पानी में गंदगी बढ़ जाती है। गंगा का पानी जब उतरता है तो गंगा घाट पर गंदगी का अंबार लग जाता है इसके अन्य जगह फेकने की जगह वापस गंगा में ही डाल दिया जाता है। इसके चलते भी गंगा प्रदूषित हो रही है। फिलहाल टीम के सदस्यों की रिपोर्ट पर सबकी निगाहे लगी हुई है इसके बाद ही पता चल पायेगा कि गंगा कितना साफ हुई है।
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गंगा को स्वच्छ करना पीएम नरेन्द्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट
गंगा को स्वच्छ करना पीएम नरेन्द्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। केन्द्र सरकार ने गंगा की सफाई के लिए हजारों करोड़ रुपये खर्च किये हैं। केन्द्र सरकार का दावा है कि गंगा का पानी पहले से निर्मल हुआ है। जगह-जगह पर एसटीपी का निर्माण किया जा रहा है। सभी एसटीपी काम करने लगेंगे तो गंगा में सीवर का पानी गिरना बंद हो जायेगा और गंगा और निर्मल हो जायेंगी।
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