कोरोना महामारी के काल में कोविड के डर के साये में द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा काशी विश्वनाथ के दरबार में सावन के पहले सोमवार पर दर्शन के लिए भक्तों का आना सुबह से ही शुरू हो गया। हालाँकि जहां इसके पहले सावन के दिनों में पूरा इलाका श्रद्धालुओं से खचाखच भरा रहता था, वहीं इस बार स्थिति इसके बिलकुल उलट थी। श्रद्धालुओं की संख्या अप्रत्याशित रूप से कम रही।
मैदागिन की ओर से आने वाले श्रद्धालुओं को गेट नंबर 4 के पांचो पांडव प्रवेश द्वार, और बांस फाटक से आने वाले श्रद्धालुओं को ढुंढिराज गणेश, अन्नपूर्णा मंदिर होते हुए अभिमुक्तेश्वर द्वार से प्रवेश दिया गया। सभी श्रद्धालु 6-6 फीट की दूरी पर गंगाजल और दूध लेकर बाबा के दर्शन के लिए इंतजार में खड़े दिखे।