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Sravan Month first Monday: कोरोना के चलते काशी विश्वनाथ मंदिर में कम हुए श्रद्धालु, थर्मल स्कैनिंग और सेनेटाईजिंग के बाद हो रहा दर्शन

locationवाराणसीPublished: Jul 06, 2020 01:07:41 pm

सोमवार को सुबह हर-हर बम-बम के उद्घोष के साथ श्रद्धालु काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचे तो उन्हें थर्मल स्कैनिंग और सेनेटाईजिंग के बाद ही बाबा का झांकी दर्शन कराया गया। स्पर्श दर्शन कोरोना के चलते प्रतिबन्ध किया गया है।

Kashi Vishwanath Temple

काशी विश्वनाथ मंदिर

वराणासी. कोरोना महामारी का असर सावन के पहले सोमवार पर साफ देखने को मिला। वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर को छोड़कर अन्य प्रमुख देवालय के कपाट श्रद्धालुओं के लिये बंद रहे। बाबा दरबार में भी भक्तों की तादाद बेहद कम रही। प्रशासन ने पहले से ही बाहरी कांवड़ियों और श्रद्धालुओं से न आने की अपील की थी। भक्तों के लिए बाबा के दरबार पहुंचने के लिए रेड कारपेट बिछाया गया था। सोमवार को सुबह हर-हर बम-बम के उद्घोष के साथ श्रद्धालु पहुंचे तो उन्हें थर्मल स्कैनिंग और सेनेटाईजिंग के बाद ही बाबा का झांकी दर्शन कराया गया। स्पर्श दर्शन कोरोना के चलते प्रतिबन्ध किया गया है।

 

कोरोना महामारी के काल में कोविड के डर के साये में द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा काशी विश्वनाथ के दरबार में सावन के पहले सोमवार पर दर्शन के लिए भक्तों का आना सुबह से ही शुरू हो गया। हालाँकि जहां इसके पहले सावन के दिनों में पूरा इलाका श्रद्धालुओं से खचाखच भरा रहता था, वहीं इस बार स्थिति इसके बिलकुल उलट थी। श्रद्धालुओं की संख्या अप्रत्याशित रूप से कम रही।

 

Kashi Vishwanath Temple
मैदागिन की ओर से आने वाले श्रद्धालुओं को गेट नंबर 4 के पांचो पांडव प्रवेश द्वार, और बांस फाटक से आने वाले श्रद्धालुओं को ढुंढिराज गणेश, अन्नपूर्णा मंदिर होते हुए अभिमुक्तेश्वर द्वार से प्रवेश दिया गया। सभी श्रद्धालु 6-6 फीट की दूरी पर गंगाजल और दूध लेकर बाबा के दर्शन के लिए इंतजार में खड़े दिखे।
मंदिर के तीनों द्वारों पर थर्मल स्कैनर से शिव भक्तों की स्कैनिंग हैंड सेनीटाइजर से सेनिटाइज करने के बाद ही उन्हें प्रवेश दिया जा रहा था। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन कराया जा रहा था। मंदिर में एक बार में केवल 5 लोगों को ही प्रवेश दिया जा रहा था।
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