भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) के आह्वान पर आयोजित इस प्रदर्शन में छात्र नेताओं ने कहा, कि बुधवार की घटना के बाद बीएचयू के ट्रामा सेंटर में घायल तड़प रहे हैं। जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे हैं। तड़प रहे हैं और सूबे के मुखिया को राजनीति सुझा रहा है। वो इस नरसंहार के लिए भी कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराने में जुटे हैं। मुखिया क्या, पूरी कैबिनेट इसी में लगी है।
उन्होंने कहा कि दरअसल सोनभद्र की घटना ने प्रदेश की कानून व्यवस्था की हालत को उजागर कर दिया है। राज्य में कानून व्यवस्था नाम की चीज ही नहीं रही। सोनभद्र की घटना से पूरे राज्य की जनता में दहशत है। कहा कानून व्यवस्था पर गम्भीर सवाल उठे हैं।
ऐसी विकट स्थिति में कांग्रेस प्रभारी प्रियंका गांधी घायलों से मिलने बीएचयू स्थित ट्रामा सेंटर पहुंची थी। घायलों के परिजनों ने प्रियंका को उस त्रासदी की विस्तार से जानकारी दी। पुलिस और व्यवस्था के लोगो की लापरवाही और दुर्घटना में मिलीभगत के आरोप भी तीमारदारों ने लगाए। प्रियंका गांधी को ये बातें संदेहजनक लगीं। उन्हें सरकार और प्रशासन की मंशा भी संदेह के दायरे के दिखी। प्रियंका गांधी ने सोनभद्र जाकर स्थलीय निरीक्षण स्वयम करने का निर्णय लिया।
लेकिन सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ को ये बात नागवार गुजरी। उन्होंने पहले तो प्रियंका गांधी को सोनभद्र जाने से रोका। न केवल रोका बल्कि हिरासत में लेकर चुनार गेस्ट हाउस पर रखा। बीती रात वहां गेस्ट हाउस में न बिजली थी न पानी था। दूसरी ओर प्रेस से बात करते हुए घटना के लिए कांग्रेस को ही जिम्मेदार बता के अपनी जवाबदेही से भागते हुए भी दिखे।
छात्रों ने कहा कि सोनभद्र दुर्घटना के बाद सचिव वगैरह के स्तर की जांच कमेटी बनी है, जिसकी रपट आने पर दोषियों पर सख़्त कार्रवाई होने की बात थी। लेकिन प्रियंका गांधी के सोनभद्र जाने की जिद से जांच समय से काफी पहले पूरी हुई।
प्रदर्शन मे नीरज, विकास सिंह, दिवाकर, रजत, थिर्ति, अवंतिका, पंकज, विष्णु, धनंजय, चिंतामणि, राज, प्रेम, आकाश, आनंद, रोशन, योगेश, रविंद्र, चंदन आदि शामिल रहे।