बता दें कि बीएचयू के छात्र संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय (एसवीडीवी) में डॉ फिरोज खान की नियुक्ति के विरोध में 15 दिन से होल्कर भवन के सामने धरना दे रहे थे। छात्र विश्वविद्यालय एक्ट का हवाला देते हुए विरोध कर रहे हैं। बता रहे हैं कि एक्ट के तहत एसवीडीवी में किसी गैर हिंदू की नियुक्ति नहीं हो सकती। ऐसे में वो नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। इस नियुक्ति का विरोध कर रहे हैं।
हालांकि इस बाबत विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि नियुक्ति बीएचयू एक्ट व यूजीसी के नियमों के तहत की गई है। पूरी पारदर्शिता के साथ और सभी मानकों का ध्यान रखते हुए ही नियुक्ति की गई है।
यहां यह भी बता दें कि गुरुवार की रात संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के साहित्य विभाग में असिसटेंट प्रोफेसर के पद पर चयनित अभ्यर्थी के चयन के विरोध में धरने पर बैठे छात्रों से बनारस हिंदू विश्वविद्यालय प्रशासन ने देर रात वार्ता की। इन छात्रों के साथ बुधवार को भी कई दौर की वार्ताएं हुई थीं जिसके बाद गुरुवार को संकाय खुला और वहां सुचारू रूप से कामकाज हुआ। गुरुवार देर रात हुई वार्ता में कुलपति, संकाय प्रमुख एवं विभागाध्यक्ष समेत वरिष्ठ शिक्षक व अधिकारीगण शामिल थे। वार्ता के दौरान धरनारत छात्रों ने अपने कुछ प्रश्नों की एक सूची विश्वविद्यालय प्रशासन को सौंपी उनके उत्तर की मांग की। छात्रों के मुताबिक सभी प्रश्नों का जवाब देने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने 10 दिन की मोहलत मांगी।
विश्वविद्यालय प्रशासन की मांग पर शुक्रवार को विचार विमर्श करने के बाद शाम को छात्रों ने फिलहाल होल्कर भवन के सामने 15 दिन से चल रहा धरना स्थगित करने का फैसला किया। इस संबंध में आंदोलनकारी छात्र आलोक पांडेय ने पत्रिका को बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने हमारे सवालों के जवाब देने की खातिर 10 का समय मांगा था जो हम उन्हें दे रहे हैं। लेकिन इस बीच हमारा विरोध जारी रहेगा। यह विरोध कक्षा बहिष्कार, परिक्षा बहिष्कार, छात्रजागरण, क्रमिक धरना के रूप में जारी रहेगा। 10 दिन में माकूल जवाब न मिलने की सूरत में हम 11वें दिन से पुनः इसी स्थान यानी होल्कर भवन के सामने धरने पर बैठ जाएंगे।
छात्रों के सवाल 1- एसवीडीवी के साहित्य विभाग में क्या अन्य विभागों के सदृश्य ही शार्ट लिस्टिंग हुई है?
2- क्या शार्ट लिस्टिंग में सम्मिलित व्यक्तियों के एसवीडीवी के अनुसार पारंपरिक सनातन धर्म के नियमों का ध्यान रखा गया है?
3-क्या इस नियुक्ति में विश्वविद्याय के संविधान के अनुसार एवं बीएचयू संविधान के अधिनियम 1904, 1906, 1915, 1966, 1969 को केंद्र में रख कर नियुक्ति की गई है?
छात्रों ने कहा है कि यह प्रकरण प्रधानमंत्री के संज्ञानन में आने के बाद और विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा लिखित आश्वासन पर धरना समाप्त कर रहे हैं। लेकिन समस्या का समाधान न होने तक हम कक्षा बहिष्कार करेंगे, आंदोलन जारी रहेगा।