scriptकोर्ट के आदेश पर शुरू काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी परिसर का सर्वे रुका, वादी पक्ष ने मुस्लिम पक्ष पर कार्यवाही में अड़ंगा डालने का लगाया आरोप | survey work of Kashi Vishwanath Gyanvapi complex stopped | Patrika News

कोर्ट के आदेश पर शुरू काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी परिसर का सर्वे रुका, वादी पक्ष ने मुस्लिम पक्ष पर कार्यवाही में अड़ंगा डालने का लगाया आरोप

locationवाराणसीPublished: May 07, 2022 06:09:44 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी परिसर का सर्वे अदालत के आदेश के बाद दूसरे दिन शनिवार को शुरू होने के कुछ ही देर बाद रोक दिया गया। वादी पक्ष का आरोप है कि मुस्लिम पक्षकारों ने सर्वे टीम को रोका। वादी पक्ष के वकील नाराज होकर सर्वे की कार्रवाई से बाहर निकल गए और मामले को कोर्ट में ले जाने की बात कही। उन्होंने प्रशासन पर अपेक्षित सहयोग न करने का आरोप भी लगाया है।

काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी परिसर

काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी परिसर

वाराणसी. काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी परिसर स्थित मां शृंगार गौरी सहित अन्य देव विग्रहों के नियमित पूजन के लिए सिविल जज सीनियर डिवीजन दिवाकर कुमार की अदालत के आदेश पर शुक्रवार को शुरू हुए सर्वे का काम शनिवार शुरू होने के कुछ ही देर में रोक दिया गया। वादी पक्ष का आरोप है कि मुस्लिम पक्षकारों ने सर्वे टीम को रोका। वादी पक्ष के वकील नाराज होकर सर्वे की कार्रवाई से बाहर निकल गए और मामले को कोर्ट में ले जाने की बात कही।
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अधिवक्ता संग परिसर से रवाना हुआ वादी पक्ष

अधिवक्ता विष्णु जैन के साथ वादी पक्ष के अधिवक्ता रवाना हुए। कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद में अंदर जाने से कोर्ट के आदेश के बाद भी रोका गया। जरूरत से ज्यादा मुस्लिम समुदाय की भीड़ मस्जिद में इकट्ठा थी। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अंदर जाने से रोका। अधिवक्ता जैन ने कहा कि मामले को 9 मई को कोर्ट के सामने रखेंगे। ज्ञानवापी मस्जिद में बहुत संख्या में मुस्लिम बैठे थे तो प्रशासन ने हमें अंदर नहीं जाने दिया। एडवोकेट कमिश्नर ने टीम के साथ बैरिकेडिंग के अंदर जाने की कोशिश की तो मुस्लिम लोग गेट पर आ गए। न्यायालय ने स्पष्ट आदेश दिया था लेकिन उसका पालन नहीं हुआ।
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कोर्ट के आदेश पर शुरू हुआ था दूसरे दिन का सर्वे

बता दें कि इससे पहले शनिवार की सुबह अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार की अदालत में कोर्ट कमिश्नर को बदलने के लिए प्रार्थना दिया। इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने वादी पक्ष और एडवोकेट कमिश्नर से आपत्ति प्रस्तुत करने का आदेश दिया। साथ ही इस मामले में सुनवाई के लिए अगली तिथि 9 मई नियत कर दी। कोर्ट ने कहा कि तब तक अदालत का सर्वे का आदेश प्रभावी रहेगा। कोर्ट के आदेश के बाद शनिवार की शाम चार बजे सर्वे के लिए पक्ष-विपक्ष की टीम और कोर्ट कमिश्नर ज्ञानवापी परिसर पहुंचे। वहीं सर्वे टीम के विश्वनाथ धाम पहुंचते ही आज फिर से धार्मिक नारेबाजी शुरू हुई। लेकिन पहले से तैनात पुलिस ने इस मामले में एक व्यक्ति को हिरासत में ले लिया। हिरासत में लिए गए युवक से पूछताछ में पता चला कि उसका नाम अब्दुल कलाम है। पुलिस के कब्जे में वो माफी मांगता नजर आया। बोला-सर, हमसे गलती हो गई। बताया जा रहा है कि ये सभी नमाज के लिए इकट्‌ठा हुए थे।
बता दें कि काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी परिसर के सर्वे के दूसरे दिन मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता ने कोर्ट कमिश्नर के खिलाफ याचिका याचिका दायर कर दिया था। इसे अदालत ने स्वीकार करते हुए दोपहर दो बजे से सुनवाई शुरू हुई। विपक्षी यानी प्रतिवादी के अधिवक्ता अभय नाथ यादव ने कोर्ट में दायर याचिका के माध्यम से यह बताया कि कोर्ट कमिश्नर पार्टी बन कर काम कर रहे हैं। उन्होंने शुक्रवार को भी सर्वे के दौरान और मीडिया से बातचीत में ये आरोप लगाया था।
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वादी पक्ष की तरफ से डीजीसी सिविल ने की बहस
सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने प्रार्थना पत्र पर सुनवाई की। प्राचीन मूर्ति स्वयंभू ज्योतिर्लिंग लॉर्ड विश्वेश्वरनाथ के वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी ने बताया कि वादी पक्ष की तरफ से डीसीजी सिविल ने बहस की है। कहा, प्रतिवादी पक्ष सर्वे में व्यवधान डालना चाहता है, जो कि कोर्ट की अवमानना है।
कोर्ट परिसर में गहमा-गहमी
इससे पहले सर्वे कमिश्नर अजय कुमार मिश्र को बदले जाने की मांग को लेकर दाखिल किए वाद मामले में कोर्ट परिसर में काफी गहमागहमी रही। मसाजिद कमेटी की ओर से दाखिल किए गए वाद का अधिवक्ताओं के एक गुट ने विरोध किया। जमकर नारेबाजी की गई।
सर्वे को चार बजे पहुंची थी टीम
काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी परिसर के सर्वे के लिए कोर्ट कमिश्नर के साथ पक्ष-विपक्ष के अधिवक्ता, वीडियोग्राफर, फोटोग्राफर शनिवार की शाम चार बजे परिसर पहुंचे और सर्वे का काम शुरू किया। बता दें कि इससे पहले शुक्रवार की शाम चार बजे से शुरू हुआ और तीन घंटे तक चली कोर्ट कमीशन की कार्यवाही के दौरान कोर्ट कमिश्नर ने ज्ञानवापी परिसर स्थित मां शृंगार गौरी मंदिर और आसपास के देव विग्रहों का बारीक सर्वेक्षण किया। यहां तक कि जिस ताखे में मां का विग्रह है उसके अंदर तक झांक कर देखा। मंदिर व परिसर क्षेत्र की दीवारों को नाखून से खुरच कर उसकी तहकीकात की। इसी क्रम में जब कोर्ट कमिश्नर ने मस्जिद का ताला खुलवाने की बात की तो विपक्ष के अधिवक्ता अभय नाथ यादव ने कड़ा प्रतिकार किया। कहा कि मस्जिद के अंदर जाने का आदेश कोर्ट ने नहीं दिया है। साथ ही यह भी कहा कि जिस तरह से सर्वे के दौरान दीवारों को खुरचा जा रहा है उसके लिए भी कोर्ट ने कोई आदेश नहीं दिया है। यादव ने कहा था कि वो शनिवार को कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर कोर्ट कमिश्नर को बदलने की मांग करेंगे।
वादी पक्ष ने कहा था जाएंगे बैरिकेडिंग के अंदर

वहीं वादी पक्ष के अधिवक्ता ने कहा था कि शुक्रवार को कुछ स्थलों की वीडियोग्राफी हुई है। मस्जिद परिसर के अंदर जाने को लेकर मुस्लिम पक्ष ने विरोध जताया है। कल पुनः तीन बजे से पुनः कार्रवाई होगी। कल बैरिकेडिंग के अंदर जाएंगे। मस्जिद के अंदर भी सर्वे होगा। कोर्ट कमिश्नर ने तीन बजे का समय निर्धारित किया है।
दूसरे दिन के सर्वे के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
सर्वे के पहले दिन शुक्रवार को हुए हल्ला-हंगामा, धार्मिक नारेबाजी और सर्वे के दौरान की घटना के मद्देनजर शनिवार के सर्वे के लिए पुलिस कमिश्नरेट ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। इसके तहत एक किमी. के दायरे में लगभग एक हजार पुलिस और पीएससी के जवान तैनात किए गए हैं। एडवोकेट कमिश्नर ने जिला मजिस्ट्रेट से कहा है कि हम बैरिकेडिंग के अंदर जाएंगे और सर्वे का काम होगा।
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