ऋषिकेश के लक्ष्मण झूला की तर्ज पर काशी के प्राचीन दशाश्वमेध घाट पर बनेगा सस्पेंशन पुल। श्रद्धालु व तीर्थयात्री दशाश्वमेध घाट पर स्नान-दान के साथ गंगा पार तक सस्पेंशन पुल से उठा सकेंगे लुत्फ। सस्पेंशन पुल है ज्योतिर्लिंग परियोजना का हिस्सा। लोक निर्माण विभाग बनाने में जुटा है पुल की डिजाइन।
suspension bridge (symbolic photo)
वाराणसी. धर्म नगरी काशी आने वाले पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को बहुत जल्द मिलेगा सुबह-ए-बनारस का बेहतरीन नजारा। मां गंगा की मध्य धारा में खड़े हो कर वो बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी का नजारा ले सकेंगे। उत्तर वाहिनी मां गंगा के सुरम्य तट पर बने घाटों का मनोरम दृश्य अपने नत्रों में सदा के लिए बसा सकेंगे, क्योंकि यहां भी होगा ऋषिकेश के लक्ष्मण झूला की तर्ज पर सस्पेंशन पुल।
ये सस्पेंशन पुल काशी के प्राचीन दशाश्वमेध घाट पर बनेगा जो गंगा पार कटेसर तक जाएगा। इस पुल क निर्माण की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) को सौंपी गई है। पीडब्ल्यूडी, पुल की डिजाइन तैयार करने के लिए सरकारी कार्यदायी एजेंसियों से संपर्क साधने में जुट गई है। डिजाइन तैयार होते ही उसकी गुणवत्ता की परख के लिए आईआईटी रुड़की के इंजीनियरों को भेजा जाएगा ताकि विशेषज्ञों की सटीक राय मिल सके।
इस बीच पीडब्ल्यूडी, इस सस्पेंशन पुल के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र जुटाने में जुट गई है। इसके तहत 14 विभागों को पत्र भेज कर संपर्क साधा गया है। केंद्रीय जल बोर्ड से तो अनापत्ति प्रमाण पत्र मिल भी गया है।
बताया जा रहा है कि इस सस्पेंशन पुल के निर्माण के बाद पर्यटक व तीर्थयात्री न केवल मां गंगा तट के अर्द्धचंद्राकार विश्वविख्यात मनोरम घाटों का लुत्फ उठा पाएंगे बल्कि गंगा पार भी पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। बताया जा रहा है कि इस परियोजना के तहत मॉडल सड़क, जेटी, हेलीपैड, हुनर हार्ट, फूड प्लाजा भी होगा आकर्षण का केंद्र।
“प्राचीन दशाश्वमेध घाट से गंगा पार कटेसर तक सस्पेंशन पुल का निर्माण होगा। विधानसभा चुनाव की आदर्श आचार संहिता हटने के बाद काम में तेजी आ जाएगी। पुल की डिजाइन तैयार करने से लेकर अनापत्ति प्रमाण पत्र हासिल करने की प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है। इस पुल के निर्माण पर कुल 368 करोड़ 20 लाख रुपये खर्च होंगे।”- संजय तिवारी, मुख्य अभीयंता, पीडब्ल्यूडी