नफरत की राजनीति, भीड़ द्वारा हिंसा के विरोध में आयोजित प्रतिवाद विषयक सभा को संबोधित करते हुए स्वामी जी ने कहा आर्यसमाज में स्वामी दयानंद ने सत्यार्थ प्रकाश में लिखा है कि अंधे फॉलोवर मत बनिये आप अपना सत्य स्वयं तलाश करें। व्यक्ति का अधिनायकत्व हो या विचार का यह हमारे देश की परंपरा नही।
स्वामी जी के साथ आये स्वामी आर्यवेश जी ने भी कहा कि देश को बचाना है तो हम सब को धर्म, जाति, दल से ऊपर उठ कर साथ आना होगा वरना देश को संविधान और रूल ऑफ लॉ को खत्म कर ये हिंसक ताकते गृह युद्ध की तरफ ले जा रही है। इस राजनीति से देश को बदलने की उम्मीद मत रखिए।
इंसाफ मंच की तरफ से अमान अख्तर ने कहा कि कर्बला के शहीद के वारिस है हम डर कर पीछे नही हटेंगे। इन गलत ताकतों से लड़ेंगे। फादर आनन्द ने बनारस की कुछ घटनाओं का उल्लेख किया जंहा जानबूझ कर समाज का आपसी तालमेल बिगाड़ने की पिछले दिनों कोशिश की गई। जागृति राही ने हैदराबाद, तेलंगाना में हुई जातिगत ऑनर किलिंग की घटनाओं का उद्धरण पेश करते हुए कहा कि अहिंसक समाज रचना की ओर संगठित प्रयास की जरूरत है। महिलाओ को धार्मिक जातिगत हिंसा में सर्वाधिक नुकसान होता है।
इस मौके पर नन्दलाल मास्टर, एडवोकेट राजेश एडवोकेट मीना, सनोज, दया, मूसा आजमी, कामता प्रसाद ,जगन्नाथ कुशवाहा, अरुण प्रेमी ,जितेंद्र यादव संजीव सिंह , शालिनी यादव लेनिन , सुरेश,डॉ बबिता आदि मौजूद रहे। स्वागत वरिष्ठ पत्रकार एके लारी ने जबकि संचालन डॉ अनूप श्रमिक, संयोजन रिदम ने किया। एस पी राय ने आभार जताया।