प्रधानमंत्री भगवान नहीं स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने राजातालाब क्षेत्र में वर्षों से चली आ रही परंपरा टूटने पर प्रधानमंत्री के कार्यक्रम आयोजकों की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि जिस तरह भगवान जगन्नाथ जी के रथ को मार्ग से हटाकर अन्यत्र ले जाकर खडा किया गया उससे लगता है कि उत्तरप्रदेश का शासन-प्रशासन भगवान जगन्नाथ और बाबा विश्वनाथ को नहीं बल्कि पीएम नरेंद्र मोदी को ही भगवान मानने लगा है। यह दानवी प्रवृत्ति है भारतीय समाज ने इसका कभी भी स्वागत नहीं किया।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गंगा स्वच्छता पर दिए बयान पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि वे पुरानी सरकारों पर गंगा के नाम पर धन को हजम का आरोप लगा रहे हैं पर अपने सवा चार साल के कार्यकाल में हुई गंगा की अनदेखी पर एक शब्द नहीं कहा। आश्चर्य है कि प्रधानमंत्री जैसे पद पर बैठा व्यक्ति अपनी कमियों पर कोई संकोच नहीं दिखाता।
काशी के प्राचीन स्थलों पर रंगीन बत्ती जला कर बन रहे विकास के पुरोधा
उन्होंने वाराणसी के प्रमुख स्थापत्यों पर रंग-बिरंगी बत्तियों पर कटाक्ष किया और कहा कि पीएम मोदी के विकास का खोखलापन इसी से उजागर होता है कि आज उनके पास अपने द्वारा बनवाया गया एक स्थान नहीं है जिसे वे दिखा सकें। पुराने बने भवनों, घाटों आदि स्थान पर रंग-बिरंगी बत्तियां लगाकर वे अपने को विकास का पुरोधा कह रहे। आखिर ये बत्तियां कबतक रहेंगी?
उन्होंने वाराणसी के प्रमुख स्थापत्यों पर रंग-बिरंगी बत्तियों पर कटाक्ष किया और कहा कि पीएम मोदी के विकास का खोखलापन इसी से उजागर होता है कि आज उनके पास अपने द्वारा बनवाया गया एक स्थान नहीं है जिसे वे दिखा सकें। पुराने बने भवनों, घाटों आदि स्थान पर रंग-बिरंगी बत्तियां लगाकर वे अपने को विकास का पुरोधा कह रहे। आखिर ये बत्तियां कबतक रहेंगी?
लगता है यूपी का शासन-प्रशासन विश्वनाथ कॉरिडोर पर जल्द स्थिति स्पष्ट करेगा पीएम के काशी न बदलने के पीएम के बयान पर स्वामी श्री ने कहा कि इससे आशा जगी है कि प्रधानमंत्री के वक्तव्य के अनुसार यहां का स्थानीय प्रशासन काशी की पौराणिक गलियों और मन्दिरों से छेडछाड की अपनी प्रवृत्ति पर विराम लगाएगा और प्रधानमंत्री के वचनों पर अमल कर दिखाएगा।उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि इस मुद्दे पर शीघ्र ही उत्तर प्रदेश का शासन-प्रशासन स्पष्ट घोषणा करेगा ।