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मंदिर तोड़ने के खिलाफ अनशनरत स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा, पीएम मोदी भगवान नहीं

locationवाराणसीPublished: Jul 15, 2018 08:16:25 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

उपवास के 11 वें दिन स्वामी श्री ने कहा, आर्थिक प्रलोभन से नहीं खरीदा जा सकता काशी को।

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद

वाराणसी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 13वें बनारस दौरे और उससे जुड़ी घटनाएं, पीएम के भाषण के अंश को लेकर बनारस में विवाद खड़ा हो गया है। खास तौर पर परंपरागत काशी को जानने, समझने और उसको जीने वालों ने इसे बड़ा मुद्दा बना लिया है। अब प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट विश्वनाथ कॉरिडोर और गंगा पाथ वे के तहत तोड़े जा रहे मंदिरों और प्रचीन देव विग्रहों को तोड़े जाने के विरोध में आंदोलनरत श्री विद्यामठ के प्रभारी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने शनिवार के पीएम मोदी के बनारस प्रवास के दौरान घटी घटनाओं और उनके बयान पर तल्ख टिप्पणी की है। उन्होंने कहा है नरेंद्र मोदी भगवान नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि काशी को आर्थिक प्रलोभन से खरीदा नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि यह काशी है जिसके डोम राजा ने सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र को भी खरीद लिया था। वह गौरव आज भी काशीवासयों में कायम है। कहा कि देने वाला देना चाहे तो दे पर दे देने मात्र से उसे यहां की परंपरा और संस्कृति से छेड़छाड़ का अधिकार नहीं मिल जाता।
प्रधानमंत्री भगवान नहीं

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने राजातालाब क्षेत्र में वर्षों से चली आ रही परंपरा टूटने पर प्रधानमंत्री के कार्यक्रम आयोजकों की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि जिस तरह भगवान जगन्नाथ जी के रथ को मार्ग से हटाकर अन्यत्र ले जाकर खडा किया गया उससे लगता है कि उत्तरप्रदेश का शासन-प्रशासन भगवान जगन्नाथ और बाबा विश्वनाथ को नहीं बल्कि पीएम नरेंद्र मोदी को ही भगवान मानने लगा है। यह दानवी प्रवृत्ति है भारतीय समाज ने इसका कभी भी स्वागत नहीं किया।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गंगा स्वच्छता पर दिए बयान पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि वे पुरानी सरकारों पर गंगा के नाम पर धन को हजम का आरोप लगा रहे हैं पर अपने सवा चार साल के कार्यकाल में हुई गंगा की अनदेखी पर एक शब्द नहीं कहा। आश्चर्य है कि प्रधानमंत्री जैसे पद पर बैठा व्यक्ति अपनी कमियों पर कोई संकोच नहीं दिखाता।
काशी के प्राचीन स्थलों पर रंगीन बत्ती जला कर बन रहे विकास के पुरोधा
उन्होंने वाराणसी के प्रमुख स्थापत्यों पर रंग-बिरंगी बत्तियों पर कटाक्ष किया और कहा कि पीएम मोदी के विकास का खोखलापन इसी से उजागर होता है कि आज उनके पास अपने द्वारा बनवाया गया एक स्थान नहीं है जिसे वे दिखा सकें। पुराने बने भवनों, घाटों आदि स्थान पर रंग-बिरंगी बत्तियां लगाकर वे अपने को विकास का पुरोधा कह रहे। आखिर ये बत्तियां कबतक रहेंगी?
लगता है यूपी का शासन-प्रशासन विश्वनाथ कॉरिडोर पर जल्द स्थिति स्पष्ट करेगा

पीएम के काशी न बदलने के पीएम के बयान पर स्वामी श्री ने कहा कि इससे आशा जगी है कि प्रधानमंत्री के वक्तव्य के अनुसार यहां का स्थानीय प्रशासन काशी की पौराणिक गलियों और मन्दिरों से छेडछाड की अपनी प्रवृत्ति पर विराम लगाएगा और प्रधानमंत्री के वचनों पर अमल कर दिखाएगा।उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि इस मुद्दे पर शीघ्र ही उत्तर प्रदेश का शासन-प्रशासन स्पष्ट घोषणा करेगा ।
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