आयुर्वेद विभाग इन दिनों बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी डेवलपमेंट) के लिए अभियान चला रहा है। इसके तहत बच्चों को स्वर्णप्राशन की डोज दी जा रही है। बताया जा रहा है कि ये न केवल इम्यूनिटी बूस्टर है बल्कि ये बच्चों के बौद्धिक विकास में भी मददगार है। आयुर्वेद विभाग हर तीन महीने पर इस तरह का अभियान चलाता है।
भद्रासी एकीकृत आयुर्वेद अस्पताल में स्वर्णप्राशन शिविर का आयोजन
वाराणसी. बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आयुर्वेद विभाग ने अभियान शुरू किया है। इसके तहत शनिवार को भद्रासी स्थित एकीकृत आयुर्वेद अस्पताल में स्वर्णप्राशन शिविर का आयोजन किया गया। इसमें 216 बच्चों को स्वर्णप्राशन की निःशुल्क खुराक दी गई।
हर तीन महीने पर दिया जाता है स्वर्णप्राशन शिविर का उद्घाटन राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय में प्रसूति विभाग की अध्यक्ष डा. शशि सिंह ने एक बच्चे को स्वर्णप्राशन की खुराक देकर किया। क्षेत्रीय आयुर्वेद एवं यूनानी अधिकारी डा. भावना द्विवेदी ने बताया कि बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने के उद्देश्य से चलाए जा रहे अभियान के तहत हर महीने स्वर्णप्राशन शिविर का आयोजन किया जाता है। शिविर में बच्चों को स्वर्णप्राशन की निःशुल्क खुराक दी जाती है।
स्वर्णप्राशन से न केवल इम्यूनिटी बढ़ती है बल्कि बौद्धिक विकास भी होता है उन्होंने बताया कि आयुर्वेद से जुड़े हमारे ऋषि मुनियों ने हजारों वर्ष पूर्व वायरस और बैक्टीरिया जनित बीमारियों से लड़ने के लिए ऐसा रसायन तैयार किया था जिसे स्वर्णप्राशन कहा जाता है। इसे शुद्ध स्वर्णभस्म के निश्चित अनुपात में गाय के घी व शहद के साथ ड्रॉप के रूप में तैयार किया जाता है। स्वर्णप्रशान बच्चों के लिए बेहद ही लाभदायक होता है। यह उनकी इम्यूनिटी बढ़ाने के साथ-साथ उनकी बौद्धिक क्षमता को बढ़ाने में भी मददगार होता है। इस बात को ध्यान में रखकर ही विभाग की ओर से आज इस शिविर का आयोजन किया गया था ताकि क्षेत्र के अधिक से अधिक बच्चे इसका लाभ उठा सकें।
लाभार्थी बोले बच्चे को मिला बहुत लाभ शिविर में अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. नरेंद्र कुमार सिंह, डा. जितेन्द्र कुमार पाल, डा. सनातन राय, डा. आनंद कुमार यादव, डा. देवानंद पाण्डेय समेत अन्य चिकित्सक मौजूद थे। शिविर में अपने सात वर्षीय बेटे पंकज का स्वर्णप्रशन कराने आए गोविंदपुर निवासी संतोष शर्मा ने बताया कि लगातार तीसरे माह उन्होंने बेटे का स्वर्णप्राशन कराया है। इससे उसे काफी लाभ है।