बीएसए जय सिंह के जारी आदेश में कहा गया है कि सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक चित्र पोस्ट करना व कमेंट्स करना आपराधिक कृत्य है। बावजूद योगेंद्र ने फेसबुक पर मुख्यमंत्री के खिलाफ आपत्तिजनक फोटो पोस्ट की। यही नहीं उन्होंने उनके खिलाफ फेसबुक पर आपत्तिजनक टिप्पणी भी की है। कहा कि किसी सम्मानित व्यक्ति के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करके उसकी छवि खराब करना, चरित्र हनन घोर अनुशासनहीनता है।
10 अगस्त को शेयर की गई थी पोस्ट
बीएसए जय सिंह ने बताया है कि दस अगस्त को उक्त शिक्षक ने अपने मोबाइल से अपमानजनक पोस्ट शेयर किया था। सोशल साइट्स पर ऐसी टिप्पणी करना आपराध है। सोशल नेटवर्किंग साइट पर अवांछनीय, अभद्र पोस्ट साझा करना शिक्षक आचरण नियमावली के भी खिलाफ है। निलंबन अवधि में योगेंद्र पाल बीआरसी आराजीलाइन से सम्बद्ध रहेंगे। एबीएसए (पिंडरा) अशोक कुमार श्रीवास्तव जांच अधिकारी बनाया गया है। उन्हें 15 दिन के भीतर जांच रिपोर्ट देनी है।