scriptप्राथमिक शिक्षकों का Yogi government के खिलाफ आर-पार की लड़ाई का ऐलान, जानें अब क्या करने जा रहे… | Teacher will hold torch procession against Yogi government | Patrika News

प्राथमिक शिक्षकों का Yogi government के खिलाफ आर-पार की लड़ाई का ऐलान, जानें अब क्या करने जा रहे…

locationवाराणसीPublished: Oct 07, 2019 07:02:47 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

Yogi government को प्राथमिक शिक्षकों ने दी चेतावनीशिक्षकों का ऐलान नहीं मानी मांगे तो घेरेंगे विधानसभा

सीएम योगी आदित्यनाथ

सीएम योगी आदित्यनाथ

वाराणसी. प्रेरणा एप से शुरू हुई प्राथमिक शिक्षकों की लड़ाई अब आक्रामक नजर आने लगी थी। शिक्षक झुकने को तैयार नहीं हैं। अब उन्होंने उल्टे ही Yogi government पर ही प्राथमिक शिक्षा की उपेक्षा करने का आरोप लगाया है। साथ ही कहा है कि सरकार और सरकार के जिम्मेदार शिक्षकों को अपमानित कर रहे हैं। इन सबके खिलाफ शिक्षकों ने अब आरपार की लडाई का ऐलान कर दिया है। यहां तक कि विधानसभा घेराव की भी तैयारी कर ली है।
प्राथमिक शिक्षक संघ की वाराणसी इकाई के वरिष्ठ उपाध्यक्ष व काशी विद्यापीठ ब्लॉक के अध्यक्ष सनत कुमार सिंह ने बतया कि अब संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ दिनेश शर्मा ने आरपार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है। इसकी तैयारी शुरू हो गई है। इसी कड़ी में शिक्षक नेता जिलों में जा-जा कर लोगों को संघ की रणनीति से अवगत करा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि प्रांतीय नेतृत्व के आह्वान पर अब 10 अक्टूबर को सभी जनपदों में मशाल जुलूस एवं 6 नवंबर को शिक्षक महासंघ के बैनर तले लखनऊ में विशाल रैली का आयोजन किया गया है। जरूरत पड़ी तो विधानसभा का घेराव भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्राथमिक विद्यालयों में कुल 15700000 बच्चे अध्ययनरत हैं ,जिनके लिए आरटीई के मानक के अनुसार लगभग 600000 शिक्षकों की आवश्यकता है जबकि पूरे प्रदेश में लगभग तीन लाख शिक्षक कार्य कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त यदि प्रत्येक विद्यालय में मानक के अनुसार शिक्षकों की व्यवस्था की जाए तो लगभग 870000 अध्यापकों की आवश्यकता होगी। इसके अतिरिक्त इस सरकार द्वारा शिक्षामित्रों पर भी अत्याचार किया गया, उन्हें कहा गया कि वे अयोग्य अध्यापक हैं।क्या यदि वे 10000 पा रहे हैं तो योग्य अध्यापक है और जब सहायक अध्यापक के रूप में नियुक्ति पाकर 35000 से 40000 रुपये वेतन के रूप में प्राप्त कर रहे थे तब वे अयोग्य थे। सरकार को शिक्षामित्रों का सम्मान वापस करना चाहिए। परंतु वर्तमान समय में शिक्षामित्रों के भी तथाकथित स्वार्थी नेता सरकार की चाटुकारिता में लिप्त हैं, जिन्हें अधिसंख्य शिक्षामित्रों ने भी नकार दिया है।
शिक्षकों की मांगें…
– शिक्षकों से मध्यान भोजन का संचालन ना कराया जाए
– हमें ड्रेस वितरण आदि कार्यों से मुक्त किया जाए
-निःशुल्क पाठ्य पुस्तक, जूता मोजा, बैग की तरह ही निःशुल्क ड्रेस तथा स्वेटर का वितरण भी कराया जाए
– पुस्तक लेने अध्यापकों को बीआरसी न बुलया जाय
– विद्यालयों में मानक के अनुसार शिक्षकों की नियुक्ति हो
-एक अनुचर व लिपिक की भी नियुक्ति हो
-प्राथमिक स्तर पर कम से कम 5 सहायक व एक प्रधानाध्यापक तथा उच्च प्राथमिक स्तर पर 3 सहायक व एक प्रधानाध्यापक नियुक्त हों
-विद्यालयों को भौतिक संसाधनों से लैस किया जाय
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो